औरैया, शहर के प्रमुख स्थानों पर नहीं हैं सुलभ शौचालय*

*औरैया, शहर के प्रमुख स्थानों पर नहीं हैं सुलभ शौचालय*

*० शहर में बने सुलभ शौचालय नहीं हैं पर्याप्त, कुछ रहते हैं बंद*

*० सुलभ शौचालय व इज्जत घर के लिए सरकार कर रही करोड़ों खर्च, नहीं सुधर रही व्यवस्थाएं*

*औरैया।* महिलाओं को ही नहीं बल्कि उनके परिजनों को भी बाहर खेतों पर शौच क्रिया के लिए नहीं जाना पड़े। इसके लिए सरकार स्वच्छ भारत मिशन के तहत करोड़ों का वारा-न्यारा कर रही है। वही शहर , कस्बों तथा ग्रामीणांचलों में प्रमुख स्थानों पर सुलभ शौचालय बनवाने का काम योजना के तहत व्यापक तौर पर अवश्य कर रही है , लेकिन इसका सदुपयोग नहीं हो रहा है। जिससे आम जनमानस को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। प्रदेश सरकार को इज्जत घरों व सुलभ शौचालय में हो रही अनियमितताओं पर विशेष ध्यान केंद्रित करने की माहती आवश्यकता है, जिससे इज्जत घरों एवं सुलभ शौचालय का सदुपयोग हो सके। जिले में औरैया के अलावा विभिन्न कस्बों एवं ग्रामीण अंचलों में सरकार द्वारा इज्जत घर एवं सुलभ शौचालय बनवाने पर व्यापक तौर पर स्वच्छ भारत मिशन योजना चल रही है। इसके बावजूद इन इज्जत घरों एवं सुलभ शौचालयों का सदुपयोग होते प्रतीत नहीं हो रहा है। महिलाओं के लिए सरकार जहां एक ओर महिला सशक्तिकरण जैसी योजनाओं को चलाकर महिलाओं को सशक्त बनाना चाहती है, वही इज्जत घरों एवं सुलभ शौचालयों के द्वारा महिलाओं की मर्यादा पर हर संभव प्रयास कर रही है। औरैया शहर में मात्र 5 सुलभ शौचालय बने हुए हैं , जो आबादी के सापेक्ष पर्याप्त नहीं है। इसके अलावा जनपद के विभिन्न कस्बों व ग्रामीणांचलों से आमजन का आवागमन जारी रहता है। शहर के मंडी समिति , जेसीज चौराहा फायर स्टेशन के समीप , सदर बाजार सब्जी मंडी एवं गौरैया तालाब व गौशाला रोड पर सुलभ शौचालय बने हुए है , जो ना काफी हैं। शहर के महिला मार्केट में कोई भी सुलभ शौचालय नहीं बना है, जबकि इस बाजार में बड़ी संख्या में महिलाओं का आवागमन बना रहता है। शौच क्रिया एवं लघुशंका होने पर महिलाओं को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है। महिला बाजार में सुलभ शौचालय का होना अति आवश्यक ही नहीं अपितु अनिवार्य है। इसके बावजूद शासन व प्रशासन द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। शहर में बने सुलभ शौचालयों में सफाई के नाम पर सुविधा के लिए महिला व पुरुषों से 5 से 10 लिए जाते हैं। इसके बावजूद सुलभ शौचालयों में साफ सफाई का अभाव देखा जा सकता है। इसके अलावा शहर के गौरैया तालाब वदनपुर कांशीराम कॉलोनी के समीप बना सुलभ शौचालय ज्यादातर बंद ही रहता है, जिससे आम जनमानस को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस बात पर नगर पालिका परिषद को अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए जिससे लोगों को सुलभ शौचालय का लाभ मिल सके। ग्रामीणांचलों की विभिन्न ग्राम पंचायतों में सरकार द्वारा सुलभ शौचालय बनवाये गये हैं, जिनमें कुछ आधे अधूरे पड़े हैं तथा कुछ में ताले लटकते रहते हैं, इसी के चलते इन सुलभ शौचालयों का सदुपयोग नहीं हो पा रहा है। प्रदेश सरकार को इन सुलभ शौचालयों के प्रति विशेष ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जिससे सरकार द्वारा लगाये गये पैसे एवं सुलभ शौचालय का सदुपयोग हो सके। इसके साथ ही ग्रामीण अंचलों में बने इज्जत घरों पर भी ध्यान आकर्षित करना चाहिए, क्योंकि अधिकांशतः इज्जत घर चालू नहीं हैं, तो कुछ में स्टोर के तौर पर भूसा व ईधन आदि भर दिया गया है। वही महिलाएं एवं पुरुष खेतों पर शौचक्रिया के लिए जाते हुए देखे जा सकते हैं।

रिपोर्ट :-: आकाश उर्फ अक्की भईया संवाददाता

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