इटावा, नमामि गंगे / नमो कालिंदी के अंतर्गत विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर हुआ कार्यक्रम
नदी प्रदूषण रोकने एवं जैव विविधता संरक्षण में महंतों की होगी विशेष भूमिका .. डॉ राजीव चौहान
नदी प्रदूषण रोकने एवं जैव विविधता संरक्षण में महंतों की होगी विशेष भूमिका .. डॉ राजीव चौहान
नमामि गंगे / नमो कालिंदी के अंतर्गत विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सोसायटी फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर एवं पचनदा यमुना नदी मित्र समिति के साथ मिलकर जागरूकता एवं वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन मंदिर कालेश्वर गढ़िया परिसर में किया गया।
मुख्य अतिथि स्कॉन महासचिव डॉ राजीव चौहान ने बताया कि विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर संस्था स्कॉन द्वारा प्लास्टिक मुक्त नदियां एवं जैव विविधता संरक्षण पर एक विशेष जागरूकता अभियान पूरे वर्ष के लिए प्रारंभ किया गया है इसके अंतर्गत नदियों के किनारे स्थित धार्मिक स्थलों के पुजारी एवं महंताें के माध्यम से प्लास्टिक प्रयोग ना करने एवं जैव विविधता संरक्षण का संदेश आम जनों में प्रसारित किया जाएगा साथ ही मंदिरों में प्लास्टिक /पॉलीथिन का प्रयोग वर्जित करने का माहौल तैयार किया जाएगा । इस अभियान की शुरुआत पांच नदियों के संगम स्थल पचनदा के कालेश्वर महादेव मंदिर से की जा रही। यह अभियान यमुना नदी में बटेश्वर से लेकर संगम प्रयागराज तक चलाया जाएगा। चंबल नदी में रेहा बरेंडा से भरेह संगम तक यह अभियान चलेगा । इस दौरान लगभग 900 किलोमीटर के 100 मंदिरों में यह अभियान चलाया जाएगा । इस अभियान का मुख्य उद्देश्य नदियों में बढ़ते प्लास्टिक प्रदूषण के कारण जल एंव जैव विविधता खतरे में पड़ती जा रही है जिससे मानव के अस्तित्व पर भी एक अनदेखा खतरा मंडराने लगा है । अतः मानव की रक्षा के लिए हमें नदियों के जल एवं उसकी जैव विविधता को संरक्षित करना ही होगा। इस अवसर पर उपस्थित अतिथियों द्वारा हरिशंकरी पौधे रोपित किए गए ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे भागवताचार्य स्वामी विश्वात्मा वन ने कहा की अब समय आ गया है वातावरण को बचाने के लिए धार्मिक गुरुओं को भी जन जागरूकता का संदेश अपने सभी कार्यक्रमों में देना चाहिए क्योंकि आम जनमानस धार्मिक गुरुओं के वक्तब्यों पर विश्वास करता है एवं अपने जीवन में अनुसरण भी करता है।
जिला संयोजक पर्यावरण गतिविधि कानपुर प्रांत एडवोकेट महेंद्र चौहान ने संबोधित करते हुए कहा कि इस वर्ष की थीम “पृथ्वी एक है” और हमें पृथ्वी के सभी पारिस्थितिकी तंत्राॆं को जीवंत बनाए रखना है जिससे मानव का जीवन लंबे समय तक सुरक्षित रह सके।
स्कॉन सचिव वन्यजीव विशेषज्ञ संजीव चौहान ने कहा कि नदियों की जैव विविधता को बचाने में ग्रामीणों की भूमिका बढ़ाने के लिए 50 गांव चिन्हित किए जा चुके हैं ।
कार्यक्रम को सफल बनाने में संस्था स्कॉन एवं समिति के पदाधिकारी इन्द्रभान सिह परिहार,सूर्जा देवी ,दिलीप सिह, अतिवलेन्द्र सिंह, शिवम, प्रदीप, गजराज,विनोद पाल,प्रिंसी व प्रीति आदि का उल्लेखनीय योगदान रहा।