वास्तविकता से रूबरू करा रही है हीमोलिम्फ

 

निर्देशक सुदर्शन गामारे की बहु-प्रतीक्षित फिल्म हेमोलिम्फ को सेंसर बोर्ड से ‘ए’ सर्टिफिकेट मिला है। फिल्म 27 मई 2022 को रिलीज़ हुई।

बॉलीवुड के सफर की शुरुआत करने के लिए वास्तविक जीवन की कहानियाँ आमतौर पर पसंदीदा विकल्प नहीं होती हैं, लेकिन रियाज़ अनवर और रुचिरा जाधव ने न सिर्फ इसे एक चुनौती के रूप में लिया, बल्कि इसे हासिल करने में भी कामयाब भी रहे।

इसके बारे में बात करते हुए रियाज़ कहते हैं, “यह प्रोजेक्ट मेरे दिल के बेहद करीब है, और मैं शुरू से ही इसमें शामिल रहा हूँ। मैं वाहिद से कई बार मिल चुका हूँ और मैं उनकी जिंदगी को पर्दे पर लाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता था। मैंने बहुत रिसर्च की और वाहिद के वीडियोज़ देखे और उनके किरदार में गहराई से उतरने के लिए उनसे और उनके परिवार से बात की। मैंने सभी क्रू मेंबर्स से कहा कि वे मुझे पूरी फिल्म के दौरान मेरे किरदार के नाम से पुकारें, ताकि मैं किरदार में रह सकूँ। शूटिंग शुरू होने से काफी पहले, मैंने वाहिद जैसे कपड़े पहनना शुरू कर दिया था। मैंने वाहिद के काम की दिनचर्या का अनुभव करने के लिए मुंब्रा से सीएसटी तक रोजाना यात्रा की।”

रुचिरा ने साजिदा शेख (वाहिद की पत्नी) की भूमिका निभाई है, इस भूमिका के लिए बहुत दृढ़ विश्वास की आवश्यकता रही और चूँकि फिल्म में अभिनेत्री का चेहरा नहीं दिखाया गया है, इसके एवज में रुचिरा ने अपनी आँखों, बॉडी लैंग्वेज और आवाज के माध्यम से अपनी भावनाओं को व्यक्त किया है। इसके बारे में बात करते हुए वे कहती हैं, “जब निर्देशक सुदर्शन इस स्क्रिप्ट के साथ मेरे पास आए, मैं इसका हिस्सा बनने को लेकर काफी रोमांचित थी। मुझे कहानी और मेरा किरदार बेहद पसंद आया, मुझे पूरी स्क्रिप्ट सुनाने के बाद, उन्होंने कहा कि केवल एक बात का ध्यान आपको रखना होगा कि फिल्म में आपका चेहरा सामने नहीं आएगा। आपको अपनी आँखों और हाव-भाव से अभिनय करना होगा और दर्शकों को उन भावनाओं के लिए राजी करना होगा, जो आप व्यक्त कर रहे हैं।” वे आगे कहती हैं, “मैंने इसे एक चुनौती के रूप में लिया। यह कठिन था, लेकिन इससे मुझे अपने कौशल को सुधारने में मदद मिली और हमने सेट पर बहुत मज़ा किया।”

जब निर्देशक सुदर्शन गामारे से पूछा गया कि क्या फिल्म बनाना आसान है, तो इसके जवाब के रूप में वे कहते हैं, “वाहिद जी ने कई निर्देशकों को अस्वीकार कर दिया, जो उनके बारे में फिल्म बनाना चाहते थे। क्योंकि उन्हें यकीन नहीं था कि वे फिल्म में वास्तविक सच्चाई दिखाएँगे। यही कारण था कि वे सभी को मना कर दिया करते थे। मेरे साथ भी उन्होंने फिल्म के लिए हाँ कहने से पहले पूरा स्क्रीनप्ले देखने को कहा।” वे आगे कहते हैं, “जब हम कोर्ट रूम सीक्वेंस कर रहे थे, तब 15-20 मिनट बैठने के बाद वाहिद जी हमारे सेट से नीचे उतरे, उस समय हम बहुत घबरा गए थे। उनकी आँखों में आँसुओं का सैलाब था। जब हमने उनसे बात की, तो उन्होंने कहा, “कुछ देर के लिए मैं उस समय में चला गया था, जिस दौरान ये घटनाएँ वास्तव में हुई थीं और मैं इसे अब और नहीं सह सकता।”

मेकर्स ने असली कहानी को जिंदा रखा है। इस कहानी को ग्लैमरस बनाने के लिए किसी तथ्य को तोड़-मरोड़ कर पेश नहीं किया गया है। इस प्रकार निर्देशक ने सिनेमा बनाने की कला के प्रति वास्तविकता पेश की है। हीमोलिम्फ एक स्कूल शिक्षक, अब्दुल वाहिद शेख की वास्तविक कहानी है, जिन पर 11 जुलाई, 2006 को मुंबई ट्रेन बम विस्फोट मामले में आरोप लगाया गया था। इस आरोप ने न केवल उनका जीवन, बल्कि उनके परिवार को भी बर्बाद कर दिया था। फिल्म न्याय के लिए उनकी लड़ाई और उन अन्य लोगों के बारे में है, जिनका जीवन इस तरह के हालातों से प्रभावित हुआ है।

यह फिल्म टिकटबारी और एबी फिल्म्स एंटरटेनमेंट द्वारा आदिमन फिल्म्स के सहयोग से बनाई गई है। इसके सह-निर्माता एननडी9 स्टूडियोज़ हैं। फिल्म सुदर्शन गामारे द्वारा लिखित और निर्देशित है। फिल्म में अब्दुल वाहिद शेख की भूमिका रियाज़ अनवर ने निभाई है। वहीं मुज्तबा अज़ीज़ नाज़ा ने बैकग्राउंड स्कोर दिया है, डायरेक्टर ऑफ फोटोग्राफी रोहन राजन मापुस्कर हैं और फिल्म का संपादन एचएम ने किया है।

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