Yogi 2.0: सन्यास से लेकर बुलडोज़र बाबा बनने तक का सफर आखिर कैसे सीएम योगी ने किया तय, देखिए यहाँ

योगी आदित्यनाथ  देश के सबसे बड़ी जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश  के मुख्यमंत्री पद की आज दूसरी बार शपथ लेने जा रहे हैं. ये पल उनके लिए बेहद खास है.

गोरखपुर शहर के गोलघर इलाके में गोरखनाथ मंदिर से संचालित इंटर कॉलेज में पढ़ने वाले कुछ छात्र एक दुकान पर कपड़ा खरीदने के लिए गये और उनका दुकानदार से कुछ विवाद हो गया. मामला बढ़ा तो दुकानदार ने रिवॉल्वर निकाल ली.

यह योगी आदित्यनाथ थे, जिन्होंने कुछ समय पहले ही 15 फरवरी 1994 को नाथ संप्रदाय के प्रमुख मठ गोरखनाथ मंदिर के उत्तराधिकारी के रूप में अपने गुरु महंत अवैद्यनाथ से दीक्षा ली थी. बस यही वो मौका था जिसके बाद गोरखपुर की राजनीति में एक महंत की धमाकेदार एंट्री हुई.

वहीं सन्यास लेने के बाद अवैद्यनाथ ने 1998 में अपनी जगह योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर से लोकसभा चुनाव लड़वाया, जिसके बाद चुनाव जीतकर सिर्फ 26 साल की उम्र में योगी लोकसभा में पहुंच गए. तब से लगातार गोरखपुर लोकसभा सीट पर योगी का कब्जा रहा.

2007 में गोरखपुर दंगे में योगी आदित्यनाथ को मुख्य आरोपी बनाया गया, इसमें उनकी गिरफ्तारी भी हुई. पांच बार योगी आदित्यनाथ सांसद रहे.इसके बाद 2017 में जब बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला तब पार्टी ने योगी आदित्यनाथ को प्रदेश का मुख्यमंत्री घोषित कर दिया गया. इस बार 2022 में पार्टी योगी के नेतृत्व में चुनाव लड़ी और एक बार फिर भारी बहुमत मिला.

 

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