रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप के बीच हुए सौदे के ख़िलाफ़ अमेज़न की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया ये फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने ई-व्यवसाय क्षेत्र की दिग्गज कंपनी अमेजन के पक्ष में शुक्रवार को निर्णय देते हुए कहा कि फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) के रिलायंस रिटेल के साथ 24,731 करोड़ रुपये के विलय सौदे पर रोक लगाने का सिंगापुर के आपात निर्णायक का फैसला भारतीय कानूनों के तहत वैध एवं लागू करने योग्य है।
कोर्ट ने अपने फ़ैसले में कहा कि अक्टूबर में सिंगापुर के इमरजेंसी आर्बिट्रेशन यानी ईए का फ़ैसला सही था और भारत में भी लागू होगा. सिंगापुर में पिछले दिनों रिलायंस-फ़्यूचर ग्रुप की डील पर रोक लगा दी थी, इसके बाद अमेज़न ने भी विलय के इस सौदे के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
फ्यूचर ग्रुप ने इस साल की शुरुआत में रिलायंस से 3.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर कीमत की रिटेल संपत्ति बेचने का सौदा किया है. 2019 से अमेज़न की फ्यूचर कूपन में 49 फ़ीसद हिस्सेदारी है. इसकी वजह से अमेज़न की फ्यूचर रिटेल में अप्रत्यक्ष तौर पर मालिकाना हिस्सेदारी है. अमेज़न का कहना है कि इस करार के मुताबिक़ फ्यूचर ग्रुप कुछ चुनिंदा भारतीय कंपनियों के साथ सौदा नहीं कर सकती है. इसमें रिलांयस भी शामिल है.
न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की बेंच ने इस वृहद प्रश्न पर गौर किया और निर्णय दिया कि किसी विदेशी कंपनी के आपात निर्णायक (ईए) का फैसला भारतीय मध्यस्थता एवं सुलह अधिनियम के तहत लागू करने योग्य है बावजूद इसके कि ईए शब्द का उपयोग यहां मध्यस्थता कानूनों में नहीं किया गया है।