जैन धर्माबलंबियों ने अक्षय तृतीया पर्व पर राहगीरों को वितरित किया गन्ने का रस

    *लुधपुरा दिगंबर जैन मंदिर पर कई घंटे चला वितरण

फोटो :- गन्ने के रस का वितरण किया जाता हुआ
   जसवंतनगर ( इटावा)। बुधवार  को अक्षय तृतीया पर्व के मौके पर स्थानीय लुधपुरा मोहल्ला  स्थित दिगंबर जैन मंदिर के द्वार पर जैन धर्म की महिलाओं ने राहगीरों को रोक रोक कर गन्ने का रस पिलाते हुए उनकी प्यास बुझाई।जैन धर्म में अक्षय तृतीया का पर्व एक  महान पर्व है।
    इस दिन जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव ने एक वर्ष की तपस्या पूर्ण करने के पश्चात  इक्षु  (गन्ने ) रस से पारायण  किया था ।इसी कारण इस दिन जैन  धर्म के लोग गन्ने के रस का प्रसाद के रूप में विवरण करते हैं।       महावीर दिगंबर जैन मंदिर लघुपुरा  में यह गन्ने के रस के वितरण की व्यवस्था समस्त समाज  द्वारा की गई थी।
   भगवान ऋषभदेव जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर हैं और उन्हें आदिनाथ भी कहा जाता है।. वह वर्तमान अवसर्पिणी काल के प्रथम तीर्थंकर हैं।उनका जन्म अयोध्या में चैत्र कृष्ण नवमी को हुआ था। ऋषभदेव ने लोगों को अहिंसा, संयम और तप के उपदेश दिए थे और उन्होंने कृषि, विद्या, वाणिज्य और शिल्प का ज्ञान दिया था।
    ऋषभदेव को जैन धर्म के संस्थापक और प्रथम तीर्थंकर के रूप में जाता जाता है।उन्हें जिस आदिनाथ के नाम से भी जाना जाता है उसका अर्थ है “पहला भगवान”। वर्तमान अवसर्पिणी काल के वह प्रथम तीर्थंकर हैं, जो जन्म-मृत्यु के चक्र के साथ एक महत्वपूर्ण काल है.उनकी माता का नाम मरुदेवी और पिता का नाम राजा नाभि था।उन्होंने लोगों को अहिंसा, संयम, और तप के माध्यम से जीवन जीने का संदेश दिया और इन तीन तत्वों को ऋषभदेव के उपदेशों का सार माना जाता है, जो जैन धर्म के मूल सिद्धांतों में से एक हैं।भगवान ऋषभदेव ने भारतीय संस्कृति को जो कुछ दिया है, उसमें असि, मसि, कृषि, विद्या, वाणिज्य और शिल्प शामिल हैं। इन छह कर्मों के द्वारा उन्होंने जहां समाज को विकास का मार्ग सुझाया, वहीं अहिंसा, संयम तथा तप के उपदेश द्वारा समाज की आंतरिक चेतना को भी जगाया। भारतीय संस्कृति को जो योगदान उन्होंने दिया, उसकी चर्चा संसार के प्राचीनतम ग्रंथ ऋग्वेद में भी मिलती है। उन्होंने 1 वर्ष की तपस्या के बाद अक्षय तृतीया के दिन गन्ने के रस से अपने व्रत का पारायण किया था। इसी वजह से अक्षय तृतीया का दिवस जैन समाज के लिए खास दिवस बन गया।
गन्ने के रस के वितरण के दौरान मुख्य रूप से अंजली जैन, सुरभी जैन, अनीता जैन ,मीना जैन के साथ लघुपुरा  दिगंबर जैन महिला ग्रुप की महिलाये भी शामिल थी।
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*वेद व्रत गुप्ता

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