राम कथा में निकली भगवान शंकर की बारात, किया गया पार्वती का कन्यादान

   * यजमान थे, डॉक्टर पुष्पेंद्र और अंजना पुरवार     *पूजा दीदी शास्त्री के हो रहे प्रवचन

 फोटो :- प्रवचन करती राम कथाचार्या  पूजा दीदी शास्त्री,  शिव पार्वती का कन्यादान लेते डॉक्टर पुष्पेंद्र पुरवार तथा डॉक्टर अंजना  पुरवार
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  जसवंतनगर (इटावा)। राम लीला महोत्सव समापन के उपरांत रामलीला समिति द्वारा आरंभ कराई गई 8 दिवसीय राम कथा में शुक्रवार को कथा वाचिका आचार्या कृष्णप्रिया पूजा दीदी शास्त्री ने सस्वर संगीतमय अंदाज में भोले भंडारी भगवान शंकर के विवाह का वर्णन किया।
         राम लीला मैदान के मंच से कथावाचिका ने बताया कि भोले भंडारी भगवान शंकर की शादी की कथा हिंदू धर्म में बहुत ही मार्मिक और पवित्र है। यह कथा भगवान शंकर और देवी पार्वती के दैवीय प्रेम और विवाह की  सर्वोत्कृष्ट कहानी है।
   पूजा दीदी शास्त्री ने कहा कि भगवान शंकर ने अपने पिता भगवान ब्रह्मा के आदेश पर कामदेव को भस्म कर दिया था। इसके बाद भगवान शंकर ने अपना ध्यान एकाग्र करके तपस्या करना शुरू कर दिया। इसी दौरान देवी पार्वती ने भगवान शंकर को पति के रूप में पाने के लिए तपस्या करना शुरू कर दिया। देवी पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शंकर ने उन्हें दर्शन दिया और उनसे विवाह करने का वचन दिया।
      उन्होंने बताया कि भगवान शंकर और देवी पार्वती के विवाह के लिए सभी देवी-देवताओं ने मिलकर तैयारियाँ कीं। विवाह के दिन भगवान शंकर ने देवी पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया और उन्हें अपने हृदय में बसाया।
      इस प्रकार भगवान शंकर और देवी पार्वती की शादी हुई। यह शादी हिंदू धर्म में एक पवित्र और प्रेमपूर्ण शादी के रूप में जानी जाती है।
     भगवान शंकर और देवी पार्वती की शादी की कथा हमें  दैवीयप्रेम, समर्पण और एकता का महत्वपूर्ण सबक सिखाती है।
          उन्होंने बताया कि भगवान शंकर की बारात में विभिन्न देवी-देवताओं और  भूत प्रेत पिशाच सर्पों आदि ने  जब भाग  लिया  और जब दूल्हा भगवान शंकर को जटाओं में सर्प लटकाए देखा था तो पार्वती की मां आगवानी के दौरान बेहोश हो गई थीं।
 बारात में  भगवान शंकर का विश्वसनीय वाहन नंदी उनकी सवारी था,जिसने भगवान शंकर को देवी पार्वती के घर तक पहुँचाया।
भूत, प्रेत और पिशाच भगवान शंकर के अनुयायी, जिन्होंने बारात में भाग लिया, अपने नृत्य और संगीत से माहौल को आनंदमय बनाया।
     भगवान शंकर के विवाह की कथा दौरान भव्य बारात की झांकी मंच पर निकली गई।  बाकायदा वर माला पार्वती ने डाली । इसके बाद कन्यादान की रश्म हुई, जिसमें इस राम कथा के यजमान डॉक्टर पुष्पेंद्र पुरवार ,उनकी धर्म पत्नी डॉक्टर अंजना पुरवार ने सबसे पहले शंकर पार्वती का कन्यादान किया। इसके अलावा रामलीला समिति के प्रबंधक राजीव गुप्ता बबलू, उनकी धर्मपत्नी मेघा गुप्ता,  संयोजक ठाकुर अजेंद्र गौर, उनकी धर्म अंजू गौर, राजकमल गुप्ता कोयला वाले, उनकी पत्नी अंजू गुप्ता के अलावा अनिल गुप्ता अन्नू, रतन पांडे , रामनरेश यादव पप्पू आदि ने भी पार्वती मैया के पैर पूजे।
      राम कथा में भगवान राम के भजनों के अलावा राधा कृष्ण के भजन भी श्रोताओं  को मंत्र मुग्ध कर रहे हैं। अनेक महिलाओं को भजनों पर नृत्यलीन देखा गया।
____वेदव्रत गुप्ता
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