जसवंतनगर की रामलीला में हनुमान ने रावण की सोने की लंका फूंक डाली

  *बालि का सुग्रीव ने राम की सहायता से किया बध    *रावण हनुमान में जबरदस्त संवाद   * रावण पुत्र अक्षय कुमार का हुआ वध

  •  फोटो :-  बालि और सग्रीव में युद्ध चलता हुआ अक्षय कुमार का वध करते हनुमान ,सीता की  खोज के  दौरान सीता से भेंट करते हनुमान अक्षय कुमार से युद्ध करता और  धू धू कर जलती लंका
 जसवंतनगर(इटावा)। यहां  की विश्व प्रसिद्ध मैदानी रामलीला में पांचवा दिन युद्धों और लंका के विनाश का पर्याय बन गया।वालि वध, लंकिनी, तपस्वनी, सुरसा जैसी राक्षसनियो की जीवनमुक्ति और फिर रावण पुत्र अक्षय कुमार के वध  के दृश्य प्रदर्शित किए गए।

लंका दरबार में रावण हनुमान  के मध्य जबरदस्त संवाद के उपरांत जब पवन पुत्र हनुमान ने रावण की स्वर्ण लंका को धू धू कर जलाया, तो हर कोई रोमांचित हो गया। लीलाओं के इन प्रदर्शन को भारी संख्या में महिला और पुरुष वार्डों में खड़े दर्शकों ने खूब सराहा।    लंका दहन की लीला के लिए रामलीला समिति ने जबरदस्त आतिशबाजी का इंतजाम किया था।  पूरा नगर आतिशबाजी के  धमाकों से गूंजता रहा। रामलीला समिति के प्रबंधक राजीव गुप्ता बबलू तथा विधायक प्रतिनिधि व संयोजक अजेंद्र सिंह गौर ने बताया है कि रावण-हनुमान के मध्य संवाद के लिए कानपुर से पात्र बुलाये गए थे।इसके अलावा  लंकेश रावण के दरबार में नृत्यांगनाओं के मनमोहक नृत्य को देखने की ललक युवाओं में खूब दिखी। आस्था चैनल के सौरभ भदौरिया अपने भजनों से रामलीला मैदान में धर्म की गंगा बहा  रहे थे।

लीलाओं की शुरूआत  सुग्रीव से मित्रता होने पर जब राम को पता चलता है कि सुग्रीव के भाई बालि को वरदान प्राप्त है कि सुग्रीव से सामने से युद्ध करने वाले का आधा बल बालि में चला जाएगा। यह भी राम को ज्ञात हुआ कि बालि ने सुग्रीव की पत्नी तारा को बंधक बना रखा है, तो सुग्रीव को राम ने कहा कि तुम अपने भाई बालि को युद्ध के लिए ललकारो ,मैं छिपकर बालि को परास्त कर दूंगा।

जब सुग्रीव बालि से युद्ध करता है तो  सुग्रीव मार खाकर वापस आ जाता तो राम से कहता है कि जब आपको कुछ करना ही नहीं था तो मुझे बालि से मार खाने क्यों भेज दिया था ? इस पर राम बताते हैं कि तुम दोनों भाइयों की एक जैसे शक्ल होने के कारण मैं भ्रमित हो गया। वाण नहीं चला सका।

 

राम सुग्रीव के गले मे अपनी माला डालकर वापस भेज देते हैं, जब बालि फिर से सुग्रीव को देखता है, तो आगबबूला हो उठता है और दोनों में एक बार फिर से घमासान युद्ध होने लगता है। मौका पाकर राम बालि को वाण मार देते हैं तब घायल बालि राम से पूछता है कि मैंने क्या गलती की थी जो आपने मुझे वाण मारा है..? एक बार मुझे बताया होता कि सीता को रावण उठा ले गया है, तो मैं आज सूर्यास्त से पहले सीता को आपके सम्मुख लेकर खड़ा कर देता रावण को तो मैंने 6 माह तक अपनी कांख में दबा कर रखा था।

बालि वध के बाद हनुमान  सीता की खोज के लिए लंका भेजे जाते हैं । वह समुद्र को वायुवेग से  पार करते,रास्ते में  लंकिनी,सुरसा , तपस्विनी आदि को तारते लंका पहुंचते हैं, सीता के अशोक वाटिका में होने की बात उन्हे विभीषण से पता पड़ती है।

     अशोक वाटिका में पहुंचकर हनुमान वृक्ष के ऊपर से राम की अंगूठी सीता के निकट गिरा देते हैं, अंगूठी देखकर सीता  हनुमान को राम का दूत मानकर प्रभु की कुशलक्षेम पूछतीं हैं। सीता से वार्ता के बाद हनुमान भूख लगने पर अशोक वाटिका से फल खाते हैं और वृक्ष तोड़ते हैं। इस बीच रावण पुत्र अक्षय कुमार  आ जाता और हनुमान से युद्ध करते हुए मृत्य को प्राप्त होता है।
   बाद में रावण  को अशोक वाटिका में हनुमान के आतंक की खबर मिलती, तो  वह अपने पुत्र मेघनाद  को भेजता ,जो ब्रह्मास्त्र के प्रयोग से  हनुमान जी को बन्दी बनाकर लंका दरबार में रावण के समक्ष  लाता है।   वहां रावण-हनुमान के बीच भारी संवाद  होता है। क्रोधित होकर रावण हनुमान की पूछ में आग लगाने का आदेश देता है। जलती पूछ लेकर हनुमान लंका की छतों पर कूदने लगते हैं और रावण की सोने की लंका को राख के ढेर में बदल देते हैं। इस दौरान जबरदस्त आतिशबाजी का प्रदर्शन किया जाता है।
    आज की लीलाओं में रावण के पात्र के रूप में अमित वाजपेई कानपुर तथा हनुमान के रूप में बबलू महाराज उरई  संवाद के लिए आए थे। बालि,अमन गुप्ता और सुग्रीव उत्कर्ष गुप्ता, अंगद,अनमोल दीक्षित बने थे इनके अलावा प्रण दुबे उर्फ टीटू ने अक्षय कुमार की भूमिका निभाई।
     बुधवार की इन  लीलाओं में राम लीला समिति के कार्यकारीअध्यक्ष हीरालाल गुप्त, प्रबंधक राजीव गुप्ता बबलू, विधायक प्रतिनिधि और संयोजक, उप प्रबंधक, ठाकुर अजेंद्र सिंह गौर, सदस्य गणों में अनिल कुमार अन्नू, राजेंद्र गुप्ता एडवोकेट, रामनरेश यादव पप्पू, राजीव गुप्ता माथुर,विवेक रतन पांडे,डॉक्टर पुष्पेंद्र पुरवार, राजकमल गुप्ता कोयला वाले के अलावा लंकेश छावनी के व्यवस्थापक निखिल गुप्ता,शुभ गुप्ता, प्रभाकर दुबे, प्रण उर्फ टीटू दुबे, धर्मेंद्र कुमार चक  बूटी, आदि व्यवस्था संभाले थे।
       व्यास के रूप में रामकृष्ण दुबे, उमेश नारायण चौधरी थे, वहीं आदित्य कटारे राम,गोपाल वाजपेई लक्ष्मण,आदित्य मिश्रा सीता यश दुबे श्रेयश मिश्र हनुमान बने।
गुरुवार को राम लीला में सेतु निर्माण, रावण-अंगद संवाद, लक्ष्मण शक्ति की लीलाएं आयोजित की जाएंगी ।
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 ∆वेदव्रत गुप्ता
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