इटावा-समाजवादी पार्टी के जिलाउपाध्यक्ष पद से पदमुक्त करनें के पार्टी के निर्णय पर आलोक दीक्षित नें कहा कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मा.अखिलेश यादव के उनके गृह जनपद मे भाजपा नेताओं द्वारा पुतला फूंके जानें पर तथा तथा सपा नेताओं ने विरोध मे पुतला फूकनें

इटावा-समाजवादी पार्टी के जिलाउपाध्यक्ष पद से पदमुक्त करनें के पार्टी के निर्णय पर आलोक दीक्षित नें कहा कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मा.अखिलेश यादव के उनके गृह जनपद मे भाजपा नेताओं द्वारा पुतला फूंके जानें पर तथा तथा सपा नेताओं ने विरोध मे पुतला फूकने जिलाप्रशासन नें जो एकतरफा कार्यवाही की है सपा कार्यकर्ताओं पर मुकदमे लगा दिये गये, इस पूरे घटना क्रम मे सपा जिलानेतृत्व के लचर रवैये का मेंने पार्टी फोरम पर विरोध किया था, जिस दिन भाजपा वालों नें हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष का पुतला फूंक कर उनके गृह जनपद मे अपमानित किया था उस दिन जिला अध्यक्ष और महामंत्री को जैसे ही पता चला कार्यालय छोड़ कर चले गये, भाजपा नेताओं के इस काम की शिकायत मेरे और अन्य बरिष्ठ नेताओं नें सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ थाना फ्रेंड्स कालोनी मे की गयी,उसके बाद भी जिलानेतृव्त स्वागत कार्यक्रमों मे व्यस्त रहा,राष्ट्रीय अध्यक्ष के अपमान एंव पार्टी कार्यकताओं पर लगे मुकदमे के संबंध मे जिलाप्रशासन पर कोई दबाव नहीं बनाया, जब पुतला फुकने के हफ्ते वर बाद मैने घोषणा की जिलाध्यक्ष नहीं जायेंगे तो मेरे नेतृत्व मे सैकड़ों कार्यकर्ता जिला प्रशासन से इस मुद्दे पर बात करेंगे,एक ही जिले मे दो कानून नहीं चलेंगे, तो आनन फानन में जिलाध्यक्ष कुछ लोगों के साथ कप्तान के यहां पहुंचे परंतु उस घटना को भी चार पांच दिन हो गये न सपा कार्यकर्ताओं के मुकदमे वापस हुये और न ही नामजद भाजपा नेताओं पर कोई मुकदमा कायम हुआ,इस खुन्नस मे मुझे जिलाउपाध्यक्ष पद से जिलामहासचिव ने पदमुक्त करनें की घोषणा कर दी,जबकि पार्टी संविधान के अनुसार जिलाउपाध्यक्ष जिला महासचिव से बड़ा पद है, लैटर मे कही नहीं लिखा गया कि जिलाध्यक्ष के निर्देश पर पदमुक्त किया गया है,
रही बात जैन समाज पर अपमान जनक टिप्पणी की मैं व्यापारियों का नेता हूं, जैन समाज मे ज्यादातर व्यापारी वर्ग ही है, मेरे व्यापारी संगठन मे बहुत से पदाधिकारी जेन समाज से हैं, वह टिप्पणी एक पांखडी के ऊपर लिखी थी, कुछ लोगो ने ऐतराज किया तो पांच मिनट मे वह पोस्ट हटा कर मैंने माफी भी मांग ली थी,पोस्ट मे किसी धर्म का नाम भी नहीं था, परंतु मेरे विरोधियों नें उसकों धर्म विषेश से जोड़ दिया, जबकि सभी जानते हैं कि में एक धार्मिक व्यक्ति हूं हर धर्म का सम्मान करता हूँ, उनके कार्यक्रमों में जाता हूं ,

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