श्वेता जैन ने ‘आर्थराइटिस’ की  दवा पर रिसर्च कर प्राप्त की पीएचडी उपाधि

     *सर मदनलाल ग्रुप आफ इंस्टिट्यूशन में हैं, वह प्रोफेसर

   फोटो :- सर मदन लाल ग्रुप की एसोसिएट प्रोफेसर श्वेता जैन को पीएचडी डिग्री दी जाती हुई
इटावा, 14 अगस्त। सर मदनलाल ग्रुप ऑफ इन्स्टीट्यूटशन,इटावा में ऐसोसियेट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत श्वेता जैन को  डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी यानी पीएचडी की उपाधि  प्राप्त हुई है।
      श्वेता  जैन को डा एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी  द्वारा  मंगलवार  को  विश्विद्यालय के 22 वें दीक्षांत समारोह में फॉर्मेसी विषय में डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी की डिग्री प्रदेश की  राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल द्वारा प्रदान की गई।
      इस मौके पर  तकनीकी षिक्षा मंत्री आशीष पटेल,जे.एस.डब्ल्यू.एवं एम.जी. मोटर्स के सी.ई.ओ. एवं ए.के.टी.यू. के कुलपति भी उपस्थिति  थे।
   श्वेता  जैन ने  अपना शोधकार्य  प्रो डॉ पुष्पेन्द्र कुमार त्रिपाठी एवं डॉ शालिनी त्रिपाठी के कुशल मार्गदर्शन में पूर्ण किया  गया है।
     उन्होंने अपने शोधकार्य में “दारु हरिद्रा” नामक पौधे में पाए जाने वाले बरबेरीन नामक केमिकल का उपयोग करके नैनो लिपिड वेसिकल्स बनाए, जिसका उपयोग करके एक जेल बनाया गया जो कि, गठिया(आर्थराइटिस) नामक बीमारी के इलाज में मार्केट में पाए जाने वाली दवाइयों से बेहतर परिणाम देता है।
         उनके शोध का विषय ‘‘डेवलपमेंट ऑफ हर्बल नैनो फॉर्मुलेशन कंटेनिंग बरबेरिस स्पीसीज़ आइसोलेट फॉर द ट्रीटमेंट ऑफ अर्थराइटिस’’ था। उन्हें 2021 में एपीजे अब्दुल कलाम यूनिवर्सिटी द्वारा बेस्ट टीचर अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।
   श्वेता के पति डा अंकुर वैध वर्तमान में यूपीयूएमएस सैफई में असिसटेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत है।
श्वेता जैन ने अपने इस शोध कार्य को पूर्ण करने में एस एम जी आई द्वारा विशेष सहयोग प्रदान करने के लिए संस्था के चेयरमैन डा विवेक यादव, डायरेक्टर डा यूएस शर्मा एवं समस्त स्टाफ का आभार व्यक्त किया है।
   *वेदव्रत गुप्ता
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