स्वर्गीय मां से सीखी विधि से इलाज करने वाले वैद्य पुजारी का निधन

   *50 वर्षों में हजारों नवजातों को किया स्वस्थ

फोटोः फाइल फोटो वैद्य सरनाम सिंह।
जसवंतनगर(इटावा)। अपनी स्वर्गीय मां से सीखा नवजात शिशुओ के रोगो का इलाज एवं जडी बूटियो से उपचार को पांच दशक तक सफलता पूर्वक  बच्चों की स्वस्थता में उपयोग करने वाले वैद्य सरनाम सिंह पुजारी ने  बुधवार तडके  दुनियां को अलविदा कह गए। 
 उनके निधन की खबर से शोक की लहर फैल गई। जसवन्तनगर और आसपास के जनपदो से  हजारों लोग उनके अंतिम दर्शन के लिये पहुंचे।
 वैद्य सरनाम सिंह पुजारी  यहां के ग्राम नगला कैशो के मूल निवासी थे और जमुनाबाग  गांव में निवास बनाकर बच्चों का सफल इलाज करते थे। 
   गत 50 वर्षों में हजारों बच्चों को स्वस्थ किया। उनसे पूर्व उन की माॅ सरवती देवी नवजात शिशुओ के रोगो का उपचार कई दशको तक करती रही। उनके निधन के बाद सरनाम सिंह ने माॅ से सीखी उपचार विधि को नवजात शिशुओ के उपचार में प्रयोग किया।  सफलता हासिल की।
    जमुनाबाग को उन्होने इससे एक अलग पहचान दिलायी ।जसवंतनगर क्षेत्र के साथ साथ मैनपुरी, फिरोजावाद, औरेया, एटा, आगरा, अलीगढ, भिण्ड आदि से  भी लोग  शिशुओ के  उपचार के लिए उनके पास पहुंचते थे। 
 हद्रयगति रूकने से बुधवार को उनका निधन हो गया। आसपास के रहने वाले असहाय, गरीबो, जरूरतमंदो की मदद करना उनकी दिन चर्या में शुमार था ।
  वैद्य जी की इकलौते पुत्र अवधेश फौजी ने उन्हे मुखाग्नि दी।
*वेदव्रत गुप्ता

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