थाना सैफई पुलिस ने डीजीपी, एडीजी , डीआईजी को दिखाया ठेंगा, पीड़ित महिला के विरुद्ध किया मुकदमा दर्ज
उच्चाधिकारियों को ट्वीटर पर शिकायत करने पर महिला को मिली सजा, दोनो तरफ से मुकदमा दर्ज
उच्चाधिकारियों के आदेश के बाद जागी सैफई पुलिस, घटना के तीन दिन वाद पीड़ित महिला के विरुद्ध उल्टा किया मुकदमा दर्ज, बाद में महिला का मुकदमा दर्ज
सैफई ( इटावा) सैफई थाना क्षेत्र की एक महिला को अपने उत्पीड़न की शिकायत उच्चाधिकारियों को ‘एक्स’ पर करना महंगा पड़ गया। जो थाना पुलिस तीन दिन से महिला को टरका रही थी उसने महिला के विरुद्ध ही मुकदमा दर्ज कर लिया। नियमानुसार पुलिस को महिला का मुकदमा पहले और दूसरे पक्ष का बाद में दर्ज करना चाहिए था। लेकिन पुलिस ने इसमे भी खेल कर दिया। विपक्षी का मुकदमा पहले दर्ज कर लिया और बाद में महिला का दर्ज किया।
पीड़िता सरस्वती पत्नी रवीश कुमार ने गांव के दर्शन सिंह, सत्यवीर, टिंकू, सतेंद्र पर मारपीट करने व जेबरात छिनने का आरोप लगाया था और 24 अप्रेल को शाम 7 बजे थानाध्यक्ष सैफई से मिलकर शिकायत की थी। महिला कर पैर व जांघ में चोटें भी आई थी और अंदरूनी चोट भी थी लेकिन थाना पुलिस ने चोटों को अनदेखा करके महिला का डॉक्टरी मुआयना नही कराया। फिर महिला के परिजनों ने सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में भर्ती कराया जहां महिला को रात तीन बजे तक भर्ती रखा और इलाज किया। इसमे भी पुलिस ने गेम खेलते हुए महिला के बिपक्षी दर्शन सिंह उर्फ पप्पू को चिट्ठी मजरूबी देकर थाना पुलिस ने खुद डॉक्टरी कराई। लेकिन पुलिस ने दोनों। पक्षो की रिपोर्ट दर्ज नही की।
कल दिनाँक 26 अप्रेल को महिला सरस्वती द्वारा ‘एक्स’ पर उच्चाधिकारियों को शिकायत की गई तो महिला हेल्पलाइन व डीजीपी मुख्यालय, एडीजी कानपुर, व आईजी जी कानपुर द्वारा इटावा पुलिस को।कार्यवाही का आदेश दिया।
डीजीपी कार्यालय, एडीजी डीआईजी कार्यालय से आदेश होने के बाद थाना सैफई में हड़कंप मच गया और आनन फानन में महिला को बुलाकर जेबरात छीनने की बात हटाकर तहरीर बदलवा दी और मुकदमा दर्ज कर लिया।
महिला के मुकदमा लिखे जाने के पहले विपक्षी दर्शन सिंह का मुकदमा दर्ज किया गया। जिसमें महिला में पति रवीश, जेठ गिरीश, भतीजा बिपिन को नामजद किया गया। और महिला की तरफ से दर्शन सिंह, सत्यवीर, टिंकू, सतेंद्र समेत चार के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया।
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थाना पुलिस ने भी कर दिया महिला का उत्पीड़न
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पीड़िता सरस्वती देवी का कहना है कि मेरे काफी अंदरूनी चोट थी घाव भी था खून बह रहा था लेकिन पुलिस ने मेरी डॉक्टरी नहीं कराई न ही मेरी चिट्ठी मजरूबी बनाई और ना ही मेरा मुकदमा दर्ज किया। जब कि मेरे विपक्षी की पुलिस ने खुद डॉक्टरी कराई और उसका मुकदमा भी पहले दर्ज कर लिया जब मेरा मुकदमा पहले दर्ज होना चाहिए था। शासन पुलिस प्रशासन भले ही महिला सुरक्षा व उनके उत्पीड़न पर गंभीर होने का दावा करता हो लेकिन सैफई की इस घटना ने सैफई पुलिस को शर्मशार किया है।