भाजपा ने बलिया में एक तीर से साधा तीन निशाना,जानिए क्या है सियासी समीकरण
भाजपा ने बलिया में एक तीर से साधा तीन निशाना,जानिए क्या है सियासी समीकर
बलिया।पिता पूर्व प्रधानमंत्री स्व.चंद्रशेखर की सियासी विरासत को संभालने के दौरान बलिया लोकसभा से दो बार भारतीय जनता पार्टी को हराने वाले नीरज शेखर को इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा ने प्रत्याशी बनाकर कमल खिलाने की जिम्मेदारी दी है।नीरज को टिकट देकर भाजपा ने एक तीर से तीन निशाने साधने की कोशिश की है।
भाजपा ने मौजूदा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त का टिकट काटकर जहां एक ओर एंटी इनकंबेंसी फैक्टर को कम करने का प्रयास किया है तो वहीं दूसरी ओर नीरज पर दांव लगाकर राजपूत मतदाताओं के साथ-साथ पूर्व पीएम चंद्रशेखर के करीबी समाजवादी विचारधारा से जुड़े लोगों को भी साथ लाने की कोशिश की गई है।
बलिया लोकसभा के जातीय समीकरणों की बात करें तो यहां सबसे ज्यादा 15 फीसदी ब्राह्मण हैं।राजपूत 13 फीसदी और यादव 12 फीसदी हैं। इनके अलावा आठ फीसदी भूमिहार और 15.5 प्रतिशत अनुसूचित जाति के मतदाता हैं।
2007 में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की मृत्यु के बाद हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर नीरज शेखर ने जीत दर्ज की थी। दो साल बाद 2009 के लोकसभा में नीरज शेखर बलिया से सपा से जीते। तब नीरज शेखर ने वर्तमान में जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल और भाजपा प्रत्याशी मनोज सिन्हा को डेढ़ लाख से अधिक वोट से पराजित किया था।
2014 में मोदी लहर में भाजपा के भरत सिंह से हारने के बाद नीरज शेखर को सपा ने राज्यसभा में भेज दिया गया था।जब 2019 में सपा ने नीरज शेखर को लोकसभा का टिकट नहीं दिया तो सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए।इसके बाद भाजपा ने नीरज शेखर को राज्यसभा का टिकट देकर सांसद बनाया था।अभी राज्यसभा का नीरज शेखर का कार्यकाल लगभग एक साल बचा है।
जानें जातीय समीकरण
ब्राह्मण 15%
राजपूत 13%
भूमिहार 8%
यादव 12%
बौद्ध 0.07%
ईसाई 0.14%
जैन 0.01%
मुसलमान 8.03%
अनुसूचित जाति 15.5%
अनुसूचित जनजाति 2.6%
सिख 0.03%
अन्य 18%