उमरा हज करके आए मुस्ताक अहमद का हुआ इस्तकबाल
इटावा। उमरा (हज) करके आए मुहल्ला शाहगंज निवासी मुस्ताक अहमद मुल्ला जी का लोगांे ने फूल माला पहनाकर इस्तकबाल किया। मुस्ताक अहमद मुल्ला जी ने कहा कि उमराह हज का ही एक छोटा रूप है. अल्लाह की इबादत करने और अपने गुनाहों की माफी मांगने के लिए मुसलमान उमराह के लिए जाते हैं. उमराह का मतलब आबादी वाली जगह से है, जहां एक साथ बड़ी आबादी इकट्ठा होती है. इस्लामिक मान्यता है कि उमराह करने से इंसान को अपने जीवनभर के गुनाहांे से शिफा मिल जाती है। उन्हांेने अल्लाह से दुआ की सभी को मक्का मदीना जाने की तौफीक अता फरमाए। मौलाना वाजिद अशरफी, शारिक खान, तलसीम, मुजफ्फर अली लड्डन, मु. मुबीन, ताहिर, शहीद, हाजी आसिफ, अरशद, आसिफ आदि ने फूल माला पहनाकर उनका इस्तकबाल किया। इस मौके पर गुड्डू, असलम, अनीस, सईम, मुबीन खान, फैसल, आसिफ राजा, आरिस, अरहान, मुईन, जफर आदि मौजूद रहे।