*खाद्य कारोबारीयों को आ रही समस्याओं का निस्तारण करे सरकार, फूड एक्ट में विसंगतियों के चलते अधिकारी कर रहे खाद्य व्यापारियों का उत्पीड़न, व्यापार मंडल नें मुख्य कार्यकारी अधिकारी खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम भारत सरकार नई दिल्ली को संबोधित एक ज्ञापन जिला अभिहित अधिकारी इटावा को सौंपा .* इटावा-आज उघोग व्यापार प्रतिनिधि मंडल इटावा के जिलाध्यक्ष आलोक दीक्षित एंव इटावा शहर अध्यक्ष संजय कुमार वर्मा के नेतृत्व में व्यापार मंडल के पदाधिकारियों नें फूड एक्ट में विसंगतियों के चलते व्यापारियों के हो रहे उत्पीड़न के विरोध में मुख्य कार्यकारी अधिकारी खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, एफ.डी.ए. भवन, नई दिल्ली को संबोधित ११ सूत्रीय मांग पत्र कचहरी सिस्थति खाघ विभाग के दफ्तर पहुंच कर जिला अभिहित अधिकारी को सौंपा,व्यापारियों का कहना था कि एफ एस एस ए आई द्वारा खाद्य पदार्थों के व्यापारियों के लाइसेंस रजिस्ट्रेशन व सैंपलिंग आदि का कार्य किया जाता है जिसमें व्यापारियों को अनेकों कठिनाई आ रही है उनके सुधार के लिए निम्न अनुसार अनुरोध है 1. केंद्र सरकार द्वारा सभी लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन को आजीवन किया जा रहा है अतः आपसे अनुरोध है कि खाद सुरक्षा मानक अधिनियम के लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन को आजीवन किया जाए। 2. खाद्यय सुरक्षा व मानक अधिनियम विभाग द्वारा व्यापारियों की ट्रेनिंग के लिए कुछ प्राइवेट कम्पनियों को ठेका दिया गया है, जो सिर्फ पैसे लेकर सार्टीफिकेट जारी कर रहे हैं। उन प्राइवेट कम्पनियों के कर्मचारी अपने आप को सरकारी अधिकारी बताकर व्यापारियों का शोषण भी करते हैं। कोई भी टेक्निकल जानकारी ट्रेनिंग प्रोग्राम में नहीं दी जा रही है अतःआपसे अनुरोध है व्यापारी उत्पीड़न का प्रतीक ट्रेनिंग सर्टिफिकेट व्यवस्था को समाप्त करने के आदेश पारित करने की कृपया करें 3. व्यापारी का सैम्पिल भरते समय एक शीशी एन.ए.बी.एल. लैब को भेजे जाने की व्यवस्था एक्ट में की गई है, परन्तु अधिकृत एन.ए.बी.एल. लैब की सूची उपलब्ध न होने के कारण व्यापारी सैम्पिल की जॉच नहीं करा पाता है। इस वजह से व्यापारी का उत्पीड़न होता है। अतः आपसे अनुरोध है कि एन.ए.बी.एल. लैब की सूची सार्वजनिक की जाए। 4. सैम्पिल भरते समय स्टरलाइज सैम्पिल शीशियों का प्रयोग किया जाए। 5. खाद्यय सुरक्षा व मानक अधिनियम में सैम्पिल फेल आने पर जुर्माने की सुनवाई के लिए प्रशानिक अधिकारियों को अधिकार दिये गयें हैं। प्रशासनिक अधिकारी को खाद्यय सुरक्षा एवं मानक अधिनियम की पूर्ण जानकारी नहीं होती है। अधिकांश मुकदमों में अधिनियम की धारा-49 का लाभ खाद्यय कारोबार कर्ता को नहीं दिया जाता है। प्रशासनिक अधिकारी अनावश्यक रूप से अधिक जुर्माना लगा रहे हैं, जिससे अपील के मुकदमें की संख्या बढ़ रही है। अतः खाद्यय सुरक्षा एवं मानक अधिनियम की मूल भावनाओं के अनुसार पूर्णकालिक न्याय निर्धारण अधिकारी की नियुक्ति की जाए। 6. सीलबन्द पदार्थो के निर्माण व पैकिंग का कार्य कम्पनियों द्वारा किया जाता है, इस प्रकार के पदार्थों में थोक व रिटेल का व्यापारी किसी भी प्रकार की मिलावट नहीं कर सकता है। भारतीय संविधान के अनुसार भी बिना अपराध सजा नहीं दी जा सकती है, इसलिए सीलबन्द पदार्थों की बिक्री में रिटेल व थोक के व्यापारी के विरूद्ध मुकदमें की कार्यवाही न की जाए निर्माता कम्पनी के मालिक व सक्षम अधिकारी के विरूद्ध ही मुकदमा चलाया जाए। 7. अधिकांश सैम्पलिंग के मामलों में फार्म-5ए सैम्पलिंग के समय खाद्य कारोबारकर्ता को नहीं दिया जा रहा है। अतः आपसे अनुरोध है कि खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा सैम्पलिंग के समय फार्म-5ए खाद्य कारोबारकर्ता को दिलाए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित करें। 8. अधिनियम की धारा-69 के अनुसार खाद्य सुरक्षा आयुक्त को शमन व्यवस्था लागू किये जाने के निर्देश जारी करने की कृपा करें, जिससे अनावश्यक मुकदमों की कार्यवाही पर रोक लग सके। 9. खेती में रसायनिक खाद व कीटनाशक डालने के मानक तय नहीं है। भूगर्भ जल तथा सिचाई में प्रयुक्त होने वाले जल में भारी कैमिकल पाए जा रहे हैं। इसलिए आवश्यक जांच कराकर खाद्य पदार्थों के मानको का पुनः निर्धारण किया जाए। 10. सैन्ट्रल लाइसेंस की दशा में केन्द्र सरकार व प्रदेश सरकार के अलग-अलग विभाग बनाए गए है, जिससे व्यापारी उत्पीड़न व भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है। अतः एक ही विभाग को सभी कार्य सौपे जाएं। 11. प्रत्येक जिले में रजिस्ट्रेशन के लिए 15 से 25 खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को अधिकार दिये गये हैं, जिन्हें वार्ड के अनुसार बांटा गया है। नगर पालिका/नगर निगम के वार्ड विभाग के वार्डो से मेल नहीं खा रहे हैं। नगर निगम में प्रत्येक 5 वर्ष में नया परिसीमन हो जाता है। विभाग के पोर्टल में वार्डों की संख्या अपडेट नहीं की जाती है। अतः आपसे अनुरोध है कि लाइसेंस प्रणाली के तरह रजिस्ट्रेशन के लिए भी प्रत्येक जिले में एक ही रजिस्ट्रेशन अधिकारी नियुक्त किया जाए, ज्ञापन देनें वाले लोगों मे प्रमुख रूप से प्रदेश उपाध्यक्ष अखिलेश वर्मा,महिला प्रदेश मंत्री सुशीला राजावत, जिलामहामंत्री रिषी पोरवाल, जिला संरक्षक हाजी शंहशाह वारसी, जिलाउपाध्यक्ष शेख आफताब, अशोक जाटव, पावेन्द शर्मा,बंटी मंसूरी,नितीश कुमार,सौरभ दुबे, नवीन मंडी अध्यक्ष प्रदीप यादव, उघोग मंच अध्यक्ष भारतेंद्र भारद्धाज, महिला जिलाध्यक्ष अर्चना कुशवाहा, युवा जिलाध्यक्ष रियाज अहमद,सीमा श्रीवास्तव,अर्चना अग्रवाल, वीनू,,अजीत कुमार, सै.लकी,जैनुल आबदीन,लखना अध्यक्ष विपिन कुशवाहा, सत्यम दीक्षित, धर्मेंद्र यादव,बल्लू फैयाज, साकिर भाई,राहुल अवस्थी, कफील अहमद, अली फैयाज,अंकित यादव, अमित वर्मा ,छोटू यादव चकरनगर आदि मौजूद रहे।

*खाद्य कारोबारीयों को आ रही समस्याओं का निस्तारण करे सरकार, फूड एक्ट में विसंगतियों के चलते अधिकारी कर रहे खाद्य व्यापारियों का उत्पीड़न, व्यापार मंडल ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम भारत सरकार नई दिल्ली को संबोधित एक ज्ञापन जिला अभिहित अधिकारी इटावा को सौंपा .*
इटावा-आज उघोग व्यापार प्रतिनिधि मंडल इटावा के जिलाध्यक्ष आलोक दीक्षित एंव इटावा शहर अध्यक्ष संजय कुमार वर्मा के नेतृत्व में व्यापार मंडल के पदाधिकारियों नें फूड एक्ट में विसंगतियों के चलते व्यापारियों के हो रहे उत्पीड़न के विरोध में मुख्य कार्यकारी अधिकारी
खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम,
एफ.डी.ए. भवन, नई दिल्ली को संबोधित ११ सूत्रीय मांग पत्र कचहरी सिस्थति खाघ विभाग के दफ्तर पहुंच कर जिला अभिहित अधिकारी को सौंपा,व्यापारियों का कहना था कि एफ एस एस ए आई द्वारा खाद्य पदार्थों के व्यापारियों के लाइसेंस रजिस्ट्रेशन व सैंपलिंग आदि का कार्य किया जाता है जिसमें व्यापारियों को अनेकों कठिनाई आ रही है उनके सुधार के लिए निम्न अनुसार अनुरोध है
1. केंद्र सरकार द्वारा सभी लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन को आजीवन किया जा रहा है अतः आपसे अनुरोध है कि खाद सुरक्षा मानक अधिनियम के लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन को आजीवन किया जाए।
2. खाद्यय सुरक्षा व मानक अधिनियम विभाग द्वारा व्यापारियों की ट्रेनिंग के लिए कुछ प्राइवेट कम्पनियों को ठेका दिया गया है, जो सिर्फ पैसे लेकर सार्टीफिकेट जारी कर रहे हैं। उन प्राइवेट कम्पनियों के कर्मचारी अपने आप को सरकारी अधिकारी बताकर व्यापारियों का शोषण भी करते हैं। कोई भी टेक्निकल जानकारी ट्रेनिंग प्रोग्राम में नहीं दी जा रही है अतःआपसे अनुरोध है व्यापारी उत्पीड़न का प्रतीक ट्रेनिंग सर्टिफिकेट व्यवस्था को समाप्त करने के आदेश पारित करने की कृपया करें
3. व्यापारी का सैम्पिल भरते समय एक शीशी एन.ए.बी.एल. लैब को भेजे जाने की व्यवस्था एक्ट में की गई है, परन्तु अधिकृत एन.ए.बी.एल. लैब की सूची उपलब्ध न होने के कारण व्यापारी सैम्पिल की जॉच नहीं करा पाता है। इस वजह से व्यापारी का उत्पीड़न होता है। अतः आपसे अनुरोध है कि एन.ए.बी.एल. लैब की सूची सार्वजनिक की जाए।
4. सैम्पिल भरते समय स्टरलाइज सैम्पिल शीशियों का प्रयोग किया जाए।
5. खाद्यय सुरक्षा व मानक अधिनियम में सैम्पिल फेल आने पर जुर्माने की सुनवाई के लिए प्रशानिक अधिकारियों को अधिकार दिये गयें हैं। प्रशासनिक अधिकारी को खाद्यय सुरक्षा एवं मानक अधिनियम की पूर्ण जानकारी नहीं होती है। अधिकांश मुकदमों में अधिनियम की धारा-49 का लाभ खाद्यय कारोबार कर्ता को नहीं दिया जाता है। प्रशासनिक अधिकारी अनावश्यक रूप से अधिक जुर्माना लगा रहे हैं, जिससे अपील के मुकदमें की संख्या बढ़ रही है। अतः खाद्यय सुरक्षा एवं मानक अधिनियम की मूल भावनाओं के अनुसार पूर्णकालिक न्याय निर्धारण अधिकारी की नियुक्ति की जाए।
6. सीलबन्द पदार्थो के निर्माण व पैकिंग का कार्य कम्पनियों द्वारा किया जाता है, इस प्रकार के पदार्थों में थोक व रिटेल का व्यापारी किसी भी प्रकार की मिलावट नहीं कर सकता है। भारतीय संविधान के अनुसार भी बिना अपराध सजा नहीं दी जा सकती है, इसलिए सीलबन्द पदार्थों की बिक्री में रिटेल व थोक के व्यापारी के विरूद्ध मुकदमें की कार्यवाही न की जाए निर्माता कम्पनी के मालिक व सक्षम अधिकारी के विरूद्ध ही मुकदमा चलाया जाए।
7. अधिकांश सैम्पलिंग के मामलों में फार्म-5ए सैम्पलिंग के समय खाद्य कारोबारकर्ता को नहीं दिया जा रहा है। अतः आपसे अनुरोध है कि खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा सैम्पलिंग के समय फार्म-5ए खाद्य कारोबारकर्ता को दिलाए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
8. अधिनियम की धारा-69 के अनुसार खाद्य सुरक्षा आयुक्त को शमन व्यवस्था लागू किये जाने के निर्देश जारी करने की कृपा करें, जिससे अनावश्यक मुकदमों की कार्यवाही पर रोक लग सके।
9. खेती में रसायनिक खाद व कीटनाशक डालने के मानक तय नहीं है। भूगर्भ जल तथा सिचाई में प्रयुक्त होने वाले जल में भारी कैमिकल पाए जा रहे हैं। इसलिए आवश्यक जांच कराकर खाद्य पदार्थों के मानको का पुनः निर्धारण किया जाए।
10. सैन्ट्रल लाइसेंस की दशा में केन्द्र सरकार व प्रदेश सरकार के अलग-अलग विभाग बनाए गए है, जिससे व्यापारी उत्पीड़न व भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है। अतः एक ही विभाग को सभी कार्य सौपे जाएं।
11. प्रत्येक जिले में रजिस्ट्रेशन के लिए 15 से 25 खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को अधिकार दिये गये हैं, जिन्हें वार्ड के अनुसार बांटा गया है। नगर पालिका/नगर निगम के वार्ड विभाग के वार्डो से मेल नहीं खा रहे हैं। नगर निगम में प्रत्येक 5 वर्ष में नया परिसीमन हो जाता है। विभाग के पोर्टल में वार्डों की संख्या अपडेट नहीं की जाती है। अतः आपसे अनुरोध है कि लाइसेंस प्रणाली के तरह रजिस्ट्रेशन के लिए भी प्रत्येक जिले में एक ही रजिस्ट्रेशन अधिकारी नियुक्त किया जाए,
ज्ञापन देनें वाले लोगों मे प्रमुख रूप से प्रदेश उपाध्यक्ष अखिलेश वर्मा,महिला प्रदेश मंत्री सुशीला राजावत, जिलामहामंत्री रिषी पोरवाल, जिला संरक्षक हाजी शंहशाह वारसी, जिलाउपाध्यक्ष शेख आफताब, अशोक जाटव, पावेन्द शर्मा,बंटी मंसूरी,नितीश कुमार,सौरभ दुबे, नवीन मंडी अध्यक्ष प्रदीप यादव, उघोग मंच अध्यक्ष भारतेंद्र भारद्धाज, महिला जिलाध्यक्ष अर्चना कुशवाहा, युवा जिलाध्यक्ष रियाज अहमद,सीमा श्रीवास्तव,अर्चना अग्रवाल, वीनू,,अजीत कुमार, सै.लकी,जैनुल आबदीन,लखना अध्यक्ष विपिन कुशवाहा, सत्यम दीक्षित, धर्मेंद्र यादव,बल्लू फैयाज, साकिर भाई,राहुल अवस्थी, कफील अहमद, अली फैयाज,अंकित यादव, अमित वर्मा ,छोटू यादव चकरनगर आदि मौजूद रहे।

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