अधिकारियों ने खोजी किसान के नाम जमीन, फिर भी नहीं मिल रहा कब्जा

कब्जे की मांग को लेकर विकास भवन में धरने पर फिर से बैठा पीड़ित

माधव संदेश संवाददाता 

रायबरेली। कड़ाके की ठण्ड में जिला मुख्यालय पर विकास भवन में जमीन के लिए धरना देने को इंद्रेश को अधिकारियों का आश्वासन तो मिला, लेकिन जमीन का एक टुकड़ा भी नहीं मिल पाई। अधिकारियों के आश्वासन के बाद हुई जांच में पूरी जमीन लेखपालों ने खोज ली, लेकिन कब्जा नहीं दिलवा पाएं। जमीन पर कब्जा न मिलने से एक बार फिर से पीड़ित विकास भवन में अपनी जमीन के लिए धरने पर बैठ गया है। जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर फिर से जमीन पर कब्जा दिलाने की मांग की है। ऊँचाहार के खरौवा निवासी इंद्रेश जमीन के सीमाकंन हो जाने के बाद कब्जा न मिलने के कारण विगत दिनों धरने पर बैठा हुआ था। अधिकारियों की तरफ से धरना देने वाले इंद्रेश कुमार को आश्वासन दिया गया कि आपकी कागजों पर दर्ज जमीन मिलेगी। अधिकारियों के निर्देश पर हुई जांच में जमीन मिली लेकिन कुछ जमीन को सरकारी कब्जे में दिखा दिया गया है। सरकारी कब्जे में जा चुकी भूमिधरी जमीन का कोई मुवाअजा भी नहीं दिया गया है। वहीं, कुछ जमीन पर पहले से कब्जा जमा चुके दो बिस्वा जमीन के मालिक हरीकिशन को छह बिस्वा में चली गई है। पीड़ित की जमीन पर एसडीएम व अन्य अधिकारियों की तरफ से जानबूझकर कब्जा कराया गया है। वहीं, पीड़ित जमीन के लिए दर-दर भटक रहा है। राज्यपाल को आज फिर से ज्ञापन भेजकर पीड़ित ने अपर आयुक्त स्तर के अधिकारी से जमीन की जांच कराएं जाने की मांग की है। साथ ही साथ ही मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। बता दें, पीड़ित इंद्रेश के पिता राम प्यारे ने अपने नाम दर्ज जमीन का सीमांकन के लिए एसडीएम की कोर्ट में 18 जून 2019 को वाद दर्ज हुआ और एसडीएम की तरफ से वाद पर 22 दिसंबर 2023 को निर्णय भी सुनाया गया। निर्णय होने के बाद भी अभी तक पीड़ित को कब्जा नहीं मिल पाया है। अब पीड़ित बहुत ही परेशान हैं और अपनी जमीन के लिए लगातार धरना दे रहा है।

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