कविताओं व गीतों के माध्यम से इटावा को जगा गए डॉ. कुमार विश्वास -मोहब्बत एक एहसासों की पावन सी कहानी है

इटावा। हिंदी काव्य मंचों का बड़ा ब्रांड बन चुके डॉ.कुमार विश्वास ने 13 वर्षों बाद इटावा महोत्सव मंच पर अपनी काव्य और व्यंगात्मक प्रस्तुति के जरिए महोत्सव पंडाल में होने वाले कार्यक्रमों की श्रृंखला में एक नया इतिहास कायम किया।अभूतपूर्व उत्साह और श्रोताओं से भरे महोत्सव पंडाल में एक शाम डॉ. कुमार विश्वास के नाम कार्यक्रम का शुभारंभ प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने देवी सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ववलन के साथ किया। एक बेहतरीन संचालन के साथ डॉ.कुमार विश्वास ने मंच पर अपने चिर परिचित अंदाज में अपनी कविताओं व गीतों के जरिए हिंदी काव्य गंगा का सैलाब ला दिया देर रात तक श्रोता उसी में डूबे रहे मौसम मंच पर उन्होंने कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है मगर धरती की बेचौनी तो बस बादल समझता है अपनी कविता को लोगों के साथ मिलकर गुनगुनाया इसके अलावा उन्होंने कब तक गीत सुनाऊं राधा,कब तक गीत सुनाऊं मथुरा छूटी,द्वारिका छूटी,इंद्रप्रस्थ ठुकराऊ,अपने कवि बनने की प्रारंभिक अवस्थाओं के बारे में बताते हुए उन्होंने तुम्हारे बिन गीत भी प्रस्तुत किया।इसमें भी उन्होंने श्रोताओं की वाह वाही और तालियों की ताल के साथ सुर में सुर मिलाया।उन्होंने बीच-बीच में अपने चुटकुले अंदाज में लोगों को खूब गुदगुदाया।राजनीतिक विमर्श के साथ राजनीतिक दलों को भी उन्होंने अपने अंदाज से आईना दिखाया।महोत्सव मंच से उन्होंने 2006 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के सामने घटित हुयीं अखिल भारती कवि सम्मेलन की घटना को भी दोहरा और बाद में घर पहुंचने से लेकर अन्य कार्यक्रमों में मिलने तक स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव की सहृदयता की भी जमकर सराहना की।स्वर्गीय नेताजी समेत इटावा के साहित्य रतन गोपाल दास नीरज,महाकवि देव,गंग,बाबू गुलाब राय आदि का स्मरण कर उन्हें कविताओं और संस्मरण के जरिए संजोया।उनके अंतिम गीत पर लोगों ने खड़े होकर तालियां बजाई जिससे अभिभूत होकर डॉ.कुमार विश्वास ने इटावा की जनता को धन्यबाद दिया प्रदर्शनी समिति की ओर से सांसद डॉ राम शंकर कठेरिया,सदर विधायक सरिता भदौरिया,पीएम अवनीश राय एसपी संजय कुमार वर्मा समेत अन्य अधिकारियों ने उन्हें प्रतीक चिन्ह शॉल आदि भेंट कर उन्हें सम्मानित किया। इससे पूर्व कार्यक्रम का संचालन डॉ.कुश चतुर्वेदी ने किया।जिन्होंने इटावा की साहित्यिक चेतना और इतिहास की चर्चाओं के जरिए डॉ.कुमार विश्वास के हृदय में भी जगह बनाई।

देर से पहुंचने वालों को खड़े होकर सुनना पड़ा कार्यक्रम

यूं तो इटावा महोत्सव समिति व कार्यक्रम के संयोजक जिला महामंत्री बीजेपी प्रशांत राव चौबे की ओर से बड़ी संख्या में वीआईपी व सामान्य पास बांटे गए थे।ऐसे में ए ब्लॉक,बी ब्लॉक के साथ ही लोगों के लिए अलग-अलग गैलरी बनाकर उन्हें बैठने की व्यवस्था की गई थी।कार्यक्रम में अत्यधिक भीड़ हो जाने के कारण जो लोग देरी से पहुंचे उनके पास वीआईपी पास होने के बावजूद भी अपनी गैलरी तक नहीं पहुंच सके और उन्हें पीछे खड़े होकर कार्यक्रम सुनना पड़ा।इनमें प्रदर्शनी समिति के कार्यकारिणी सदस्यों के परिवार के लोग भी शामिल थे।जिस पर उन्होंने नाराजगी जताई।वहीं दूसरी ओर कई अन्य अधिकारियों और उनके परिवरीजनों सहित शहर के गणमान्य लोगों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

 

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