महिलाओं के शैक्षिक और सामाजिक उत्थान की प्रतिमूर्ति सावित्रीबाई फुले को याद किया गया

* लुद पुरा में भारी संख्या में जुटे पुरुष और महिलाएं

फोटो :- कार्यक्रम में संबोधित करते अतिथि  उपस्थित भारी भीड़
जसवंतनगर(इटावा)। मातृ शक्ति की प्रणेता और  महिलाओं में शैक्षिक एवं सामाजिक जागृति पैदा करने वाली  राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले का जन्मोत्सव बुधवार को यहां लुदपुरा  मोहल्ले में  आरक्षण बचाओ संघर्ष स्टीम  द्वारा जोशी खरोश से मनाया गया।
     संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ एम पी सिंह ने इस अवसर पर अपने संबोधन बड़ी संख्यामे जुटे लोगों और महिलाओं से कहा कि सावित्री बाई फुले ने महिलाओं में शैक्षिक एवं सामाजिक जागरूकता लाने के लिए  अनेक जुल्म सहे। उन पर कीचड़, धूल, ईंट पत्थर भी फेंके गए।  मगर वह रुकी नहीं। महिलाओं को शिक्षित बनाने में अनवरत रूप से डटी  रहीं।।  18 बालिका, बालक, विद्यालयों की स्थापना कर उसमें महिलाओं व वंचित समाज के बच्चों को पढाने का कार्य किया। साथ ही समाज में व्याप्त विभिन्न प्रकार की बुराइयों, कुरीतियों अंधविश्वास को मिटाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया ।विधवा पुनर्विवाह की शुरुआत सावित्रीबाई फुले की ही देन है।                   महात्मा ज्योतिबा फुले, माता सावित्रीबाई फुले, पेरियार ई वी रामास्वामी नायकर, छत्रपति शाहूजी महाराज, नारायण गुरु, तथागत गौतम बुद्ध, इत्यादि बहुजन महापुरुषों की विचारधारा को  बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने कानून का रूप देने का काम किया, जिसमें देश के वंचितों एवं महिलाओं को हक अधिकार व सम्मान कानूनी रूप से हासिल हुआ। समता व समानता कायम करने का  उन्होंने प्रयास किया। 
  बहुजन महापुरुषों एवं बाबा साहब की ही बदौलत देश में महिलाओं को प्रत्येक क्षेत्र और प्रत्येक स्तर पर अवसर प्राप्त हुए हैं । इन्हीं की बदौलत ग्राम पंचायत के प्रधान से लेकर के देश के राष्ट्रपति का पद मिला है। इसलिए प्रत्येक जाति वर्ग धर्म संप्रदाय की महिलाओं को बाबा साहब एवं बहुजन महापुरुषों का ऋणी होना चाहिए। उनकी विचारधारा को आत्मसात करना चाहिए उसी में उनका कल्याण व सम्मान है। 
कार्यक्रम का संचालन प्रेम सिंह अंबेडकर ने किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता अफरोज बानो ने की। कार्यक्रम में  50 महिलाओं को सम्मानित किया गया। 
    बालिकाओं और छोटे बच्चों ने भी अनेक कार्यक्रम  प्रस्तुति किए। 
 इस कार्यक्रम  का आयोजन ABSS के मंडल महासचिव अनिल कुमार चौधरी,  जिला अध्यक्ष प्रवीण कुमार सिंह ,जोन कोऑर्डिनेटर शिवराम सिंह, रामनरेश आजाद, जिला महासचिव धर्मेंद्र कुमार, वरिष्ठ उपाध्याय अनार सिंह वर्मा, खादिम अब्बास, सरदार हेत सिंह अर्जुनेश कुमार, सतीश कुमार निगम, शैलेंद्र फ्लेमिंग, लालाराम दोहरे, कैलाश नारायण बौद्ध, रविंद्र कुमार उर्फ सोनू, मोहित जाटव  मोह हाशिम, राघवेंद्र सिंह, अवनीश मधुर, अवध बिहारी, अरविंद कुमार, टीपू अम्बेडकर, जयवीर सिंह, विमल कुमार, अमरनाथ आजाद, प्रोफेसर रीना आर्य, मुमताज जहां, मीना जाटव, प्रवेश गोयल, अंजली सिंह, पुष्पांजलि त्यागी, रीता सिंह, अंशुराव, श्री कृष्ण निगम,पंकज कंसौलिया,  हरिपाल सिंह, सरदार अशोक कुमार,उमेश कुमार,  डॉक्टर अजब सिंह, राजवीर सिंह, खेमनंद बौद्ध, सुनील कुमार, रनजीत सिंह, अजय किशोर, सुरजीतसिंह, विवेक यादव, लेखराज, नागेंद्र सिंह, आदि  । हजारों की संख्या में माता बहनों और भाइयों ने कार्यक्रम में प्रतिभाग किया ।
  *वेदव्रत गुप्ता
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