*आओ दान करें हम उन वीरों को*
*आओ दान करें हम उन वीरों को*
आओ दान करे हम उन वीरों को,
जिन्होंने अपना जीवन दान किया।
जो जीवन जिए देश के खातिर,
और आखिर तक जयगान किया।
हित सर्वोपरि रखा मातृभूमि का,
और अपना हित भुला दिया ।
परि, परिजन, परिवार छोड़़कर,
वीरगति पथ का वरण किया ।।
रखा तिरंगा सिर के ऊपर,
उसको फहराने को सांस दिया।
वह फहराता रहे गगन में,
उसे आश और विश्वास दिया।
काल खड़ा विकराल रूप धर,
पर उसे शौर्य से हिला दिया।
सबसे ऊपर है देश हमारा,
सम्मुख सबको दिखा दिया।।
साथ खड़े हों हम सब उनके,
जो पीछे रह गए अकेले हैं।
खुशियों की बारात नहीं है,
न जिनके जीवन में मेले हैं ।
यादों वादों की टीसें हैं केवल,
जो पल हँसी खुशी से खेले हैं।
वे यादें भी कुछ शेष बची हैं,
जो सग संग मिलकर झेले हैं ।।
– हरी राम यादव
बनघुसरा, अयोध्या
7087815074