रेजांगला की शहादत को नमन करते हुए सैकड़ो सैनिकों ने पुष्प अर्पित करते हुए वीरगति प्राप्त सैनिकों को किया याद
सैनिक समाज सेवा संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जय सिंह यादव फ़ौजी के नेतृत्व में वीरगति प्राप्त सैनिकों के परिजनों का हुआ सम्मान
माधव संदेश संवाददाता
रायबरेली । सैनिक समाज सेवा संगठन द्वारा आयोजित रेजांगला के शहीद सैनिकों के परिजनों के सम्मान समारोह में सैकड़ो सैनिकों सहित राष्ट्रप्रेमियों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किया । इस मौके पर कारगिल युद्ध के नायक रहे अमर शहीद राजेंद्र यादव की पत्नी और पुत्र को विशेष रूप से सम्मानित किया गया । रेजांगला की शहादत और शहीदों के परिजनों को सम्मानित
करते हुए मुख्य अतिथि एम्स में तैनात कर्नल उपेंद्र नाथ राय ने कहा कि वर्ष 1962 को भारत-चीन युद्ध के दौरान 18 हजार फिट की ऊँचाई पर रेजांगला पोस्ट पर कुमाँऊ रेजिमेन्ट के 120 जवानों ने अद्भुत वीरता का परिचय दिया था । भारतीय जवानों के उस परम शौर्य से चीन आज भी कांपता है । इस टुकड़ी के 120 जवानों में 114 वीर अहीर सैनिक थे ।
विशिष्ट अतिथि जिला सैनिक बोर्ड के अधिकारी कैप्टन अतुल्य दयाल ने कहा कि चीनी सैनिकों ने दो तरफ से रेजांगला पोस्ट पर हमला किया था, यह भारतीय जवानों का शौर्य ही था कि चीनी सैनिक इस पोस्ट के पास फटक तक नहीं पाए । रेजांगला को इस वक्त भारत की ताकत के तौर पर देखा जाता है । यह इलाका चीनी सीमा के काफी करीब है और यहाँ से एलएसी की दूसरी तरफ साफ-साफ देखा जा सकता है । भारतीय जवानों ने 303 के रायफल्स से चीनी सैनिकों को ऐसे घाव दिये जो ड्रैगन को आज भी सताता है । सभी अतिथियों का स्वागत और आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम के मुख्य आयोजक राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट जय सिंह यादव ने कहा कि रेजांगला में भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों के दांत खट्टे कर दिये थे । इस युद्ध में मेजर शैतान सिंह सहित सैकड़ो
भारतीय जवान शहीद हो गए थे । शहादत देने से पहले भारतीय जवानों ने चीन के 1300 सैनिकों को मार गिराया और 5000 चीनी सैनिकों को मात दिया था । चीन तमाम कोशिशों के बावजूद भी रणनीतिक रूप से अहम इस पोस्ट पर कब्जा नहीं कर पाया इसलिए सरकार की ओर से इसे अहीरधाम का नाम दिया गया । भारतीय कम्पनी ने शुरूआत में 3 इंच के मोर्टार से लड़ाई शुरू की फिर रायफल्स और उसकी बट से लड़ाई जारी रखी और चीनी सैनिकों को मार गिराया । इस टुकड़ी के 120 जवानों में 114 वीर अहीर सैनिक थे । मौजूद सैनिकों ने भारत सरकार से मांग की जाती है कि सेना में अहीर रेजिमेंट बनाया जाए । एडवोकेट दीपक राही ने कहा कि ऐतिहासिक 1962 के युद्ध के अनुसार चीन ने 18 नवम्बर को तड़के 4 बजे भारतीय इलाके में हमला शुरू कर दिया, चीन की सेना की मंशा लेह और चूशूल रोड लिंक को वाया दुगंती को भारत के वीर जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान करते हुए चीनी सैनिकों को रेजांगला पोस्ट पर कब्जा नहीं करने दिया । इस अवसर पर मुख्य रूप से एम्स के विशाल कुमार, सूबेदार देव नारायण यादव, राष्ट्रीय महासचिव सूबेदार राजेश यादव, कोषाध्यक्ष पवन कुमार विलियम, उपाध्यक्ष राज मोहन, सूबेदार एसबी यादव, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रामसिंह यादव, जिला महासचिव कैप्टन दल बहादुर यादव, ब्लाक अध्यक्ष डलमऊ अनिल कुमार, आशीष फौजी, वीरेंद्र यादव किसान, सूबेदार सुखराम, एमपी सिंह, देशराज, राकेश कुमार, कन्हैयालाल, छोटेलाल, राम रूप सिंह, उमा नाथ, राकेश सिंह, मनोज कुमार करन भान, सुरेंद्र प्रताप सिंह, नायब सूबेदार रमेश बहादुर यादव, राजेश फौजी, सैनिक समाज सेवा संगठन के अन्य सदस्य एवं पदाधिकारियों सहित सैकड़ों लोगों ने पुष्प अर्पित करते हुए शहीदों को याद किया ।