डॉ. समीर के जानलेवा कारनामे से कई गई जाने

 

इटावा। डा. समीर वो डाक्टर जिसकी जिम्मेदारी थी कि आने वाले मेडिकल स्टूडेंट्स को अच्छी तालीम दे। जिसकी जिम्मेदारी थी कि वो लोगांे के धड़कनांे की हिफाजत करें लेकिन उसने खुद की अययाशी के लिए इमान को गिरवी रख दिया। डा. समीर सर्राफ ने न केवल भारत के इतिहास मंे मेडिकल संस्थान को संस्थान में पहला पेसमेकर घोटाला किया बल्कि 600 से ज्यादा लोगांे की जान के साथ खिलवाड़ किया।

इटावा के सैफई मंे यूपी आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में करोड़ांे का घोटाला करने वाला डाक्टर समीर सर्राफ 7 नवम्बर को गिरफ्तार किया जा चुका है। मूलरूप से ललितपुर का रहने वाला समीर सर्राफ इटावा में बतौर ह्रदय रोग विशेषज्ञ के रूप मंे जाना जाता था। डाक्टर समीर सर्राफ की गिरफ्तारी के बाद हर रोज उसके जानलेवा कारनामे के शिकार हुए लोगांे का दर्द सामने आ रहा है।

पति का दर्द, जिसकी पत्नी को नकली पेसमेकर लगाया गया

मेरी पत्नी का बीपी लो था हम उन्हंे लेकर अस्पताल की ओर भागे, वहां डा. समीर सर्राफ ने कहा कि इनका आपरेशन करना पडे़गा। आईसीडी मशीन लगानी पड़ेगी। 4 लाख की आती है। मरीज की स्थिति सही नहीं। हमने कहा कि डाक्टर मैं गरीब आदमी हूं। इस पर उन्हांेने कहा मरीज को बचाना है तो पैसे तो देने पड़ेंगे। मैने जैसे तैसे पैसांे का इंतजाम किया। हमारे पास 25 हजार रूपए कम पड़ गए लेकिन जब तक इस राशि का इंतजाम नहीं हुआ उन्हांेने आपरेशन नहीं किया। आपरेशन के बाद भी मेरी पत्नी नहीं बची। यह पीड़ा नसीम अहमद की है। जिला मुख्यालय से एक किमी दूर शहर के नौरंगाबाद मोहल्ले मंे नसीम अहमद का घर है। वह पेशे से टेलर है। पत्नी नजीमा की मौत के बाद इनके घर की खुशियां खो चुकी है। पत्नी के इलाज में खर्च हुए पैसांे की कर्ज अब तक इनके सिर पर है। बेटी सहबीन नसीम मां की मौत वाले दिन को याद कर भावुक हो जाती है। पूरे मामले मंे एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने कहा कि मेडिकल कालेज मंे घोटाला करने वाला डा. समीर सर्राफ के खिलाफ कई एविडंेस मिले हैै। अभी तक विवेचना में 70 लोेगांे को पेसमेकर इंप्लांट की बात निकलकर सामने आ रही है। मामले मंे इसका साथ देने वाले अस्पताल के स्आफ और ऐसी कंपनियांे को चिन्हित किया जा रहा है।

 

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