सिद्धार्थ महाविद्यालय ने विद्यार्थियों को कराया मुगल कालीन धरोहरों का भ्रमण 

सिद्धार्थ महाविद्यालय ने विद्यार्थियों को कराया मुगल कालीन धरोहरों का भ्रमण  ______ *भौगोलिक एवं ऐतिहासिक ज्ञानवर्धन था उद्देश्य *सिकंदरा उद्यान में वन्य

फोटो:- झंडी दिखाकर  शैक्षिक भ्रमण पर विद्यार्थियों को रवाना करते डॉक्टर सूरज सिंह शाक्य, फतेहपुर सीकरी में विद्यार्थी
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    जसवंतनगर(इटावा। भौगोलिक ऐतिहासिक धरोहरों से रूबरू कराने  के उद्देश्य से सिद्धार्थ महाविद्यालय जसवंतनगर के  विद्यार्थियों को  सोमवार को शैक्षिक भ्रमण कराया गया।                    इस शैक्षिक भ्रमण में कालेज के चयनित 100  विद्यार्थी देश के सुप्रसिद्ध ऐतिहासिक धरोहरों फतेहपुर सीकरी, आगरा किला व सिकंदरा का भ्रमण पर गए।
       सिद्धार्थ महाविद्यालय प्रबंध समिति के  अध्यक्ष डॉ कन्हैयालाल शाक्य , प्रबंधक सूरज सिंह शाक्य ने  विद्यार्थियों की रवाना हो रही टूर बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। 
  भ्रमण कार्यक्रम प्रभारी डॉ भुवनेश कुमार ने  भ्रमण का नेतृत्व कर छात्र,छात्राओं को मुगल काल की राजधानी फतेहपुर सीकरी के मुख्य स्मारक बुलंद दरवाजा, सलीम चिश्ती दरगाह, जोधा बाई महल, दीवाने खास, पंचमहल, संग्रहालय आदि के ऐतिहासिक महत्व से परिचित कराया। साथ ही भूगोल विषय के प्रवक्ता जाकिर हुसैन ने आगरा के भौगोलिक व राजनीतिक दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला।               विद्यार्थियों ने सिकंदरा उद्यान में वन्य जीव हिरण, बारह सिंहा, लंगूर आदि को करीब से देखा। वहां  उन्हें अपने हाथों खाने की वस्तुएं देते उनसे अपनत्व जताया।
    महा विद्यालय ने एक  गाइड भी इस भ्रमण के लिए नियुक्त किया था जिसने आगरा किले की स्थापत्य कला एवं इमारत की विशेषता से परिचित कराया।  प्रबंध समिति के सचिव और बेसिक शिक्षा जगत के योग्य हस्ताक्षर जवाहरलाल शाक्य ने महाविद्यालय के स्टाफ को इस भ्रमण और विद्यार्थियों के लिए कॉलेज द्वारा किए गए भौगोलिक और ऐतिहासिक शिक्षण भ्रमण को समसामयिक बताते  प्रशंसा की है। विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास पर भी  बल दिया है।  
    कालेज के व्याख्याता डॉ.अल्ताफ हुसैन, राहुल कुमार, अनिल कुमार, धीरज, शैलेन्द्र, हरिकांत, विनीता शाक्य व मंजू शाक्य आदि ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सक्रिय योगदान दिया। प्राचार्य डॉ.शैलेंद्र प्रताप सिंह ने विद्यार्थियों को ऐसे कार्यक्रमों में सक्रिय भाग लेने के लिए प्रेरित किया,जिससे छात्र अतीत की धरोहर का संरक्षण व प्रबंधन कर सकें।
*वेदव्रत गुप्ता
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