सिरहौल नहर पुल पर “गणेश विसर्जन” के लिए रहेगी चाक – चौबंद व्यवस्थाएं
*उपजिलाधिकारी ने मौका-मुआयना किया
फोटो:- जसवंत नगर के भोगनीपुर नहर के सिरहौल पुल पर “गणेश विसर्जन” स्थल का मौका मुआयना करने पहुंचे अधिकारी गण
जसवंतनगर (इटावा)। 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी के अवसर पर नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में विराजित होने वाले भगवान गणपति के विसर्जन के इंतजामात के लिए स्थानीय प्रशासन में तैयारी शुरू कर दी है।
बहुत से लोग भगवान गणेश को 24 या 48 घंटे अपने घर में विराजित रखकर विसर्जन के लिए ले जाते हैं और कुछ लोग 5 या 7 दिन अपने घरों में विराजित रखते हैं, जबकि अन्य लोग अनंत चौदस तक बराबर अपने घरों और पंडालों में विराजित रखेंगे। अंतिम दिन विसर्जन करेंगे। इस बार अनंत चौदस 28 सितंबर की पड़ रही है, वह अंतिम दिन होगा , जिस दिन सर्वाधिक विसर्जन होंगे।
जसवंत नगर इलाके में यमुना किनारा कस्बे से करीब 9 किलोमीटर दूर है, इसलिए उस इलाके के भक्तों को छोड़कर अन्य गणपति भक्त अपनी मूर्तियों का कस्बे के पास स्थित भोगनीपुर नहर के सिरहौल पुल पर विसर्जन करते हैं।
सोमवार को उप जिलाधिकारी कौशल कुमार तथा क्षेत्राधिकारी अतुल प्रधान ने सिरहौल स्थित भोगनीपुर नगर पुल के विसर्जन स्थल का दौरा कर विसर्जन के प्रशासनिक इंतजामों का जायजा लिया।
वहां लोग अपने गणपति को लाकर नहर में विसर्जित करेंगे। इस दौरान कोई अप्रिय घटना न घटे इसके लिए प्रशासन नहर पुल पर बैरिकेटिंग की व्यवस्था कर रहा है। बैरियर भी लगाएगा, ताकि विसर्जन दौरान ज्यादा लोग नहर पर एकत्रित न हो सके।
बताया गया है कि पर्याप्त फोर्स नहर पुल पर लगेगा तथा योग्य गोताखोरों की टीम भी मौजूद रहेगी , ताकि विसर्जन दौरान कोई घटना घटित होने पर तुरंत ही गोताखोरों की मदद से डूबने वाले व्यक्ति को निकाला जा सके। प्रत्येक विसर्जन करने वाले व्यक्ति का नाम ,पता एक रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा।
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*वेदव्रत गुप्ता
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