इंसानियत का स्टेज यकीन है शक नहीं- मौलाना कल्बे
इटावा। स्थानीय पक्की सराये स्थित बड़े इमामबाड़े में बीती रात सोजख़्वान तसलीम रज़ा, साजिद रज़ा अलीका की ओर मजलिस का आयोजन किया गया। मजलिस में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया।
मजलिस में तकरीर करते हुए इंटरनेशनल स्तर के मौलाना कल्बे रुशैद ने कहा कि आदमी वो है जिसमे अच्छाई और बुराई दोनों पाई जाती हैं, लेकिन इंसान वो है जिसमे सिर्फ अच्छाई ही पाई जाती हैं। आदमी की यह जिम्मेदारी है कि वह इंसान बनने की कोशिश करे। इंसानियत का स्टेज यकीन है शक नहीं। इंसानियत का यही पैगाम इमाम हुसैन ने कर्बला में दिया। यकीन अगर एक मकान है तो हुसैन उसके सुल्तान हैं। उन्होंने कहा कि रसूल अल्लाह को मौला अली के चश्मे से देखोगे तभी रसूल समझ मे आएंगे। हैदरी नारा बहादुरी का नारा है। हैदरी नारा लगाने से रूह क्लीन और जिस्म ठीक रहता है। अल्लाह का बड़ा एहसान है कि उसने हमें इंसान बनाया जानवर नहीं बनाया। मौलाना कल्बे रुशैद ने कहा कर्बला हमारी यूनिवर्सिटी है। कर्बला एहसास को जगाती है। कर्बला में इमाम हुसैन ने एक लकीर खींची थी लकीर के दोनों तरफ मुसलमान थे। हमें हुसैनी मुसलमान बनना होगा जो हक पर थे। ख्वाजा मुईन उद्दीन चिश्ती ने फरमाया है हुसैन ही दीन हैं और दीन पनाह हैं।
मजलिस में तसलीम रज़ा, सलीम रज़ा, ज़हूर नक़वी ने सोजख़्वानी की, तनवीर हसन, सफीर हैदर, सलमान रिज़वी, अख्तर अब्बास, अशहर कादरी, तालिब रज़ा ने कलाम पेश किये और तनवीर हसन व कल्बे रुशैद के बेटे ने नोहा ख्वानी की। संचालन का दायित्व मौलाना अनवारुल हसन ज़ैदी इमामे जुमा इटावा ने निभाया। मजलिस में हाजी कमर अब्बास, हाजी अरशद मरगूब, हाजी अली सज्जाद, बाबा कम्बर अली शाह वारसी मिर्जापुर, राहत अक़ील, शावेज़ नक़वी, मो. मियां, मो. अब्बास, राहत हुसैन रिज़वी, बिट्टू, इबाद रज़ा, खुशनसीब, सुहेल, मो. जुनैद, शारिक सग़ीर शानू सहित बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया।