जिलाधिकारी ने खेडाबुजुर्ग “ग्राम प्रधान” के विरुद्ध जारी किया नोटिस, मांगा सफ्ताह भर में स्पष्टीकरण

*नगला भगवंत में कराये गये कार्यो को नही पाया जनोपयोगी *शासकीय धनराशि के दुरूपयोग के दोषी का आरोप

फोटो:- शिकातकर्ता के घर को जाने वाले रास्ते पर बनायी गयी दीवाल, रास्ते पर जलभराव, आवा गमन ठप
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जसवंतनगर(इटावा)। जिलाधिकारी इटावा अवनीश राय की निगाह इन दिनों उन प्रधानों पर टेढ़ी है ,जो मनमानी ढंग से विकास काम के नाम पर शासकीय धन की बर्बादी  में जुटे हैं और उनका अपनी ग्राम पंचायत क्षेत्र के  सुचारू विकास से कोई मतलब नहीं है।
     हाल ही में जिला अधिकारी ने जसवंतनगर क्षेत्र के  धनुआ ग्राम पंचायत की महिला ग्राम प्रधान के मनमानीपूर्ण रवैये के कारण उसके वित्तीय अधिकार सीज कर दिए थे।    अब इसी विकास खण्ड क्षेत्र के ग्राम पंचायत खेडा बुजुर्ग के ग्राम प्रधान को जिलाधिकारी इटावा ने कारण बताओ नोटिस थमाया है।
              कारण बताओ नोटिस में ग्राम प्रधान पर अपने कर्तव्यों व दायित्वो का सही निवार्हन न करने तथा शासकीय धनराशि के दुरूपयोग व अपव्यय किये जाने जैसे गंम्भीर आरोप शामिल है। 
    प्रधान राजकमल यादव को जवाब देने के लिए मात्र एक सफ्ताह का समय दिया गया है।
   ग्राम प्रधान के खिलाफ नगला भगवंत निवासी रामवीर सिंह यादव  ने जिलाधिकारी को बीती 15 जून को शिकायती प्रार्थना पत्र दिया था। शिकायत मे वर्ष 2016 में शिकायतकर्ता की निजी भूमि संख्या 1381 पर कार्यदायी संस्था राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद द्वारा निर्माण कार्य किये गये थे, जिसको लेकर कार्यदायी संस्था तथा शिकायतकर्ता के मध्य माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में  मुकद्दमा चल रहा है।
     इसी दौरान ग्राम पंचायत खेडा बुजुर्ग  द्वारा कार्यदायी संस्था द्वारा कराये गये कार्यो पर ही बिना अनुमति एवं सहमति के आधा दर्जन कार्यो को कार्य योजना में प्रस्तावित कर दिया, जिसकी शिकायत उच्च अधिकारियो से की गयी।                       
   जांचोपरांत ग्राम पंचायत द्वारा प्रस्तावित कार्यो को स्थगित कर दिया गया था,मगर पिछली अप्रैल में  वर्तमान  ग्राम प्रधान आदि ने स्थगित कार्यो पर पुनः निर्माण  शुरू करा दिया, जिसमें चार पुलिया, नाला,नाली आदि निर्माण कार्य शामिल है।
     ग्राम प्रधान और उसके सहयोगियों ने द्वेषभावना के चलते शिकायतकर्ता रामवीर सिंह यादव  के घर की ओर  जाने वाले रास्ते पर पुलिया के नाम पर ऊंची दीवाल बना दी गई , जिसके चलते जलभराव तथा आवागमन अवरूद्व हो गया।         
   रामवीर सिंह यादव , जो एक वरिष्ठ पत्रकार भी हैं उन्होंने इस को लेकर फिर  जिलाधिकारी से शिकायत करने  पंहुंचे,  तो उन्होंने मामले को गंम्भीरता से लेते जिला विकास अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी और उपजिलाधिकारी, जसवंतनगर की एक संयुक्त टीम गठित करते हुये समूचे प्रकरण की जांच करने के निर्देश दिये। 
    टीम ने नगला भगवंत जाकर भौतिक सत्यापन के दौरान  ग्राम प्रधान तथा अन्य के द्वारा कराये गये कार्यो को  कतई जनोपयोगी नही पाया। निर्माण कार्य आबादी के सामान्य स्तर से काफी अलग और ऊपर कराया जाना पाया, जिसके चलते न ही पानी की निकासी संम्भव थी और न ही आवागमन सुलभ था। 
    गठित टीम ने ग्राम प्रधान तथा अन्य के द्वारा कराये गये कार्यो को श्रमदान घोषित करने की आख्या जिलाधिकारी इटावा को प्रेषित की गई, जिसके उपरांत डीएम इटावा ने बीते शुक्रवार ग्राम प्रधान राजकमल यादव  और पंचायत सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुये एक सप्ताह के अंदर जबाव प्रस्तुत करने के निर्देश दिये है।
*वेदव्रत गुप्ता

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