शिक्षक दिवस पर साहित्यकार सीताराम को सम्मानित किया
इटावा। शिक्षक दिवस पर उ. प्र. साहित्य सभा और साहित्यिक संस्था पहल द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाने वाला स्वामी स्वरूप पाठक बिहारी लाल रजनीश स्मृति शिक्षक साहित्यकार अलंकरण शिरोमणि नगर भर्थना रोड निवासी सेवानिवृत्त डाइट प्राचार्य व साहित्यकार सीताराम शाक्य को प्रदान किया गया। चंद्रा जनरल स्टोर के सभागार में हुये समारोह में अभिनंदन समारोह के साथ सरस काव्य गोष्ठी भी सम्पन्न हुयी। अध्यक्षता पूर्व सांसद व शिक्षक राम सिंह शाक्य ने की।
कार्यक्रम का शुभारंभ ख्यातिलब्ध शायरा राज़दा ख़ातून की वाणी वंदना से हुआ। पहल के अध्यक्ष राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक और ख्यातिलब्ध गीतकार डॉ. राजीव राज ने पहल की स्थापना, विस्तार और गतिविधियों का ब्यौरा रखते हुये सभी आगंतुकों का स्वागत किया। डॉ राजीव राज ने अपने उद्बोधन में बताया कि काव्य गुंजन, काव्य कणिका, मृत्यु अभिशाप नहीं और बुद्ध के अनमोल वचन जैसी पुस्तकों के प्रणेता 81 वर्षीय वयोवृद्ध शाक्य से पहले यह सम्मान स्व बिहारी लाल रजनीश, स्व. ओमप्रकाश दीक्षित, प्रेमबाबू प्रेम व हरिश्चंद गुप्ता जैसे वरिष्ठ साहित्यकारों को दिया जा चुका है। अपने तरह की अनूठी इस पहल में संस्था के सदस्य साहित्यकार के घर जाकर उन्हें सम्मानित करते हैं। उम्र के इस पड़ाव पर प्रायः समाज उनके बहुमूल्य साहित्यिक, शैक्षिक योगदान को लगभग भुला चुका होता है, ऐसे में उनके पास जाकर उनके अनुभवों को, उनकी कविताओं को सुनना उन्हें उनके स्वर्णिम समय की यादों में वापस ले जाना उनकी जिजीविषा को बढ़ाने वाली संजीवनी के समान होता है। डॉ. कुश चतुर्वेदी ने सम्मानित होने वाले सीताराम शाक्य के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। काव्यगोष्ठी में महासचिव रौनक इटावी, कोषाध्यक्ष अनुराग असफल, गोविन्द माधव शुक्ल, हरिओम सिंह विमल, रोहित चौधरी, राघव दुबे, अमित कुमार, अवनीश त्रिपाठी, रजनीश त्रिपाठी, जे के राव, डॉ शम्सुद्दीन शम्स, सोहेल इटावी, वैभव यादव, सत्यदेव आज़ाद, सुदामा लाल पाल और पंकज कुमार ने काव्यात्मक प्रस्तुतियों के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज की।