दिलों पर लगे कार्बन को साफ करना होगा- मौलाना अल
इटावा। मोमनीन इटावा की ओर से गत वर्षों की तरह इस वर्ष भी पक्की सराये स्थित बड़े इमामबाड़े में मजलिस का आयोजन किया गया, मजलिस के दौरान ज़ियरतें बरामद की गईं। मजलिस का शुभारंभ सैयद अज़ीम हुसैन अलीगढ़ ने सोजख्वानी व मौलवी तज़मीन जाफ़री उन्नाव, अख्तर अब्बास इटावी ने पेशखानी से किया।
मजलिस में तकरीर करते हुए इलाहाबाद से आये मौलाना मो. अली गौहर ने कहा जब कर्बला या इमाम हुसैन का नाम आता है तो चाहने वालों की आंखें नम हो जाती हैं। जब दिल में इश्के हुसैन होगा तो इमाम रहनुमाई को जरूर आएंगे। जो लोग मजलिसों से दूर रहते हैं उन्हें सोचना होगा कि आखिर यह रुकावट क्यों है। एहलेबैत से मोहब्बत के लिए दिलों पर लगे कार्बन को साफ करना होगा। जिक्रे हुसैन हमारा मोहताज नहीं है बल्कि खुदा ने इसे कायम रखने की जिम्मेदारी ली है। अल्लाह ने इमाम हुसैन की किसी भी ख्वाहिश को रद्द नहीं किया तो इमाम हुसैन ने अल्लाह की राह में रसूल के दीन को बचाने के लिए कर्बला में अपने बेटों, भाई, भतीजे सहित 72 कुर्बानियां पेश कीं। मजलिस के दौरान आतिफ एड., हम्माद, शब्बर अक़ील इमाम हुसैन का ज़ुलजना, शावेज़ नक़वी, अदनान जाफ़री, समर सगीर, सैफू, फ़ातिक मौला अली अकबर का ताबूत, जीशान हैदर, शादाब हसन मौला अली असग़र का झूला और सोनू नक़वी मौला अब्बास का अलम लेकर मस्जिद सैदबाड़ा से बड़े इमामबाड़े लेकर आये जहां सैकड़ों पुरुषों व महिलाओं ने ज़ियारत की। तनवीर हसन, शाबिल हुसैन, जीशान हैदर, राहिल सगीर ने नोहाख्वानी की। मौलाना अनवारुल हसन ज़ैदी इमामे जुमा इटावा ने संचालन का दायित्व निभाया। मजलिस में हाजी कमर अब्बास, हाजी अरशद मरगूब, राहत अक़ील, तसलीम रज़ा, सलीम रज़ा, मो. अब्बास, मो. मियां, जहीर अब्बास, तहसीन रज़ा, अमीर हैदर जाफ़री, मुशीर हैदर, आरिफ रिज़वी, नुसरत हुसैन, अश्शू रिज़वी, ताबिश रिज़वी, जहूर नक़वी, सगीर रज़ा, टीएच रिज़वी, शारिक सगीर शानू, अयाज हुसैन, काशिब, शारिब, शाद हसन, अमान, सफीर हैदर, रियाज़ रिज़वी सहित बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया।