बीमारे कर्बला की याद में शिया युवकों ने किया दहकते अंगारों पर मातम
इटावा। बीमारे कर्बला चौथे इमाम हज़रत जैनुल आबेदीन की शहादत पर अंजुमन हैदरी कमेटी के तत्वावधान में मौलाना अनवारुल हसन ज़ैदी इमामे जुमा इटावा, राहत अक़ील के नेतृत्व में 42 वीं सालाना मजलिस, शब्वेदारी के साथ दहकते अंगारों पर मातम का किया गया।
मजलिस में बिहार से आए कककएफ मौलाना वकार काज़मी ने अपनी तकरीर में चौथे इमाम बीमारे कर्बला हज़रत जैनुल आबेदीन की शहादत का दर्दनाक मंजर पेश किया। मजलिस के बाद मौला अब्बास के अलम की जियारत अंजुमन हैदरी ने बरामद की। अंजुमन हैदरी की तरफ से जाफ़र ईरानी, राहत हुसैन रिज़वी, शावेज़ नक़वी, अश्शू रिज़वी, जीशान हैदर ने सदा पढ़ी। जाफ़र ईरानी, राहिल सगीर, तनवीर हसन और ग्वालियर से आये डा. प्रमोद कुमार गुप्ता व उनके पुत्र मोहित गुप्ता ने नोहाख्वानी की। अंजुमन हुसैनिया फर्रूखाबाद, अंजुमन रिज़विया चांदापुर कानपुर देहात, अंजुमन जुल्फिकारे हैदरी खाता सादात बरेली ने रात भर मातमी नोहाख्वानी की।
शबबेदारी के दौरान शिया नययुवकों और बच्चों ने दहकते अंगारों पर उस समय तक मातम किया जब तक अंगारे बुझ नहीं गए। आग के मातम की व्यवस्था में राहत हुसैन रिज़वी, शावेज़ नक़वी, हसन मेहदी शहजादे, श्यान हसन, शब्बर अक़ील, हम्माद, अदनान जाफ़री, वफ़ा, कैफ़ी, अहद, सैफ, सोनू नक़वी, आतिफ एड., बिट्टू, लालू, परवेज हसनैन, समर सगीर, जीशान हैदर, मेंहदी अब्बास, नुसरत हुसैन, काशिब रिज़वी आदि का सराहनीय योगदान रहा। संचालन का दायित्व लखनऊ से आए आरिफ हैदर ने निभाया। अंत मे बाहरी जनपदों से आई अंजुमनों ने साबितगंज में मुहाफ़िज़ हुसैन के मकान पर अलविदाई मातमी नोहाख्वानी की। अंजुमन हैदरी के संरक्षक राहत अक़ील, वरिष्ठ उपाध्यक्ष शावेज़ नक़वी, सेकेट्री राहत हुसैन रिज़वी ने बाहरी जनपदों की अंजुमनों सहित कार्यक्रम में शामिल होने वालों का आभार व्यक्त किया।