लायन सफारी पार्क में जन्मे शावक का निधन

 

इटावा। इटावा सफारी पार्क ने 6 जुलाई को बब्बर शेरनी सोना से जन्में शावक को खोया। 12 अगस्त की रात्रि 8 बजे अचानक बुखार, पेट में दर्द व सांस लेने में हुई थी शावक को दिक्कत। दो घण्टे के अथक प्रयासों के बावजूद रात्रि 10 बजे शावक का हुआ निधन।

बीती 6 जुलाई को बब्बर शेरनी सोना ने इस शावक को जन्म देने के बाद मुड़कर भी नहीं देखा था। सफारी पार्क प्रबन्धन द्वारा ससमय निर्णय लेते हुए शावक को सोना के सैल से अलग कर नियोनेटल केयर यूनिट में देखभाल हेतु रखा गया था जहां सफारी पार्क प्रबन्धन द्वारा दिन रात एक कर नन्हें शावक की 36 दिन तक उच्चकोटि की देखभाल की गयी। इन 36 दिनों के कठिन परिश्रम में कई ऐसे दौर आये जिसमें शावक का स्वास्थ्य बिगड़ा परन्तु शावक की देखरेख में मुस्तैद कर्मचारियों द्वारा शावक की हर परेशानी दूर की गयी। विभिन्न पशुचिकित्सकों का तो यह भी मानना था कि जिस प्रकार की देखभाल सफारी पार्क प्रबन्धन द्वारा शावक को दी जा रही है यह पूरे देश में एक उदाहरण के तौर पर प्रथम पूर्ण मानव देखभाल से बड़ा हुआ शेर बनकर इटावा सफारी पार्क प्रबन्धन को मिसाल के तौर पर स्थापित करेगा। परन्तु 12 अगस्त को काल ने इस नन्हें शावक को अपना ग्रास बना लिया और सफारी पार्क में पुनः प्रजनन से जन्में सेवक की मृत्यु ने हर किसी को स्तब्ध कर दिया है।

 

 

 

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