सावधान ! आ चुका है सर्पदंश का मौसम – सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी
#विश्व सर्प दिवस 16 जुलाई विशेष
सावधान ! आ चुका है सर्पदंश का मौसम – सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठ
इटावा। प्रकृति में जब भी वर्षा ऋतु शुरू होती है वैसे ही धरती की सतह के तापमान और नमी को अपने विशेष संवेदी अंगों से भांपकर और अपने बिलों में पानी भर जाने से विभिन्न प्रकार के सर्प कीड़े मकोड़े अपने खेतों या खाली बेकार पड़ी जगह बने बिलों को छोड़कर जमीन से बाहर आने लगते है। यही कारण है कि बरसात शुरू होते ही हमारे आस पास विभिन्न प्रकार के सर्पों और कीड़े मकोड़ों की हलचल अक्सर ही बढ़ जाती है। इसलिए उन्हें देखकर कभी घबराना नहीं है।
सभी सर्प जहरीले नहीं होते अतः बेवजह ही न डरें न ही उसे मारें।
लेकिन एक बड़ा सवाल यह भी है कि,क्या हमारे आस पास दिखने वाले सभी सर्प जहरीले ही होते है? तो इसका जवाब है बिलकुल भी नहीं।
जी हां हमारे घरों के आस पास पाए जाने वाला प्रत्येक छोटा बड़ा सर्प जहरीला भी नही होता है। भारत में सिर्फ बिग फोर प्रजाति के 4 मुख्य सर्पों में कोबरा,करैत,रसल वाइपर, सॉ स्केल्ड वाइपर को छोड़कर सभी सर्प जहरीले भी नही है अतः इनसे डरने या इन्हे अपने आस पास देखकर बेवजह घबराने की आवश्यकता भी नही है। लेकिन यदि जनपद इटावा में देखा जाए तो सिर्फ कोबरा और करैत सर्प ज्यादा संख्या में मौजूद है जिनमे कोबरा से करैत सर्प की संख्या कुछ कम है इसलिए यदि कभी चार प्रकार के जहरीले सर्पों में से कोबरा,करैत,रसल वाइपर या कोई सॉ स्केल्ड वाइपर किसी को काट ले तो हमे क्या करना चाहिए?
कोबरा,करैत या वाइपर के काटने पर सिर्फ एंटीवेनम से उपचार ही सफल
सबसे पहले सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति या महिला के हाथ या पैर में हल्का डबल बन्ध कलाई और कोहनी के ऊपर लगाकर और पैर में एड़ी और घुटने के ऊपर लगाकर बाई करवट लेटकर बिना हिले डुले सीधे बिना किसी देरी के जनपद के जिला चिकित्सालय (मोती झील अस्पताल) के कमरा नंबर तीन में जाकर एंटीवेनम से ही उपचार लेना चाहिए।
झाड़ फूंक से जाती जान,
एंटीवेनम ही बचाता प्राण
खतरनाक बिग फोर सर्पों की प्रजाति में से किसी के भी काटने के बाद किसी भी अपने जानने वाले अंधविश्वास में डूबे व्यक्ति के जोर देकर कहने या बरगलाने पर किसी भी गांव के ओझा या तांत्रिक से कोबरा करैत की बाइट के बाद झाड़ फूंक कराना हमेशा ही जानलेवा भी साबित होता है और मौत भी निश्चित होती है अतः अपने विवेक का प्रयोग करें।
ऐसे में क्या मानना है सर्प विशेषज्ञ का
सर्प दंश जागरूकता विषय पर जनपद इटावा में विगत वर्षों से रेस्क्यू के साथ जागरूकता का महत्वपूर्ण कार्य कर रही एक मात्र संस्था “ओशन” के महासचिव, मिशन स्नेक बाइट डेथ फ्री इंडिया के यूपी कोर्डिनेटर वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी के अनुसार, कभी भी सर्पदंश होने की दशा में अपने परिजनों की अमूल्य जान किसी भी अंधविश्वास में पड़कर मत गंवाईये क्यों कि,आपके परिजनों का जीवन अमूल्य है और सर्पदंश के केस में रोगी को समय से इलाज मिलना ही सबसे आवश्यक विषय भी होता है। अतः सर्प के काट लेने पर कृपया इधर उधर न भटककर सीधे जिला अस्पताल जाकर किसी प्रशिक्षित चिकित्सक की देखरेख में ही अपना इलाज करवाईए।