आखिर कौन से धन के लिए हो रहा वाक युद्ध, उठी जांच की मांग
चकरनगर, इटावा। युद्ध चाहे त्रेतायुग में हुआ हो, या फिर द्वापर में, लेकिन युद्ध सिर्फ लक्ष्मी जी के मान के लिए ही लड़ा गया है, इस बात का हमारा पौराणिक इतिहास गवाह है, तो आखिर कलयुग में उस क्षेत्र के लोग कहां पीछे रहने वाले है, जहां अज्ञातवास काटने के दौरान पांडवों के द्वारा बकासुर जैसे राक्षस का नरसंहार किया गया हो।
महाभारत के योद्धा पांडवों की अज्ञातवास के दौरान सर्वाधिक समय बिताने वाली चकरनगर की भूमि पर कलयुग में भी लक्ष्मी जी के लिए पूर्व एवं वर्तमान ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि व रोजगार सेवकों के बीच वाक युद्ध शुरू हो गया है। रोजगार सेवकों ने पूर्व एवं वर्तमान ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि पर चंदा के रुपए मांगने का आरोप लगाते हुए मुख्य विकास अधिकारी प्रणता ऐश्वर्या से शिकायत दर्ज कराई। जिसमें रोजगार सेवकों की शिकायत के अनुसार आरोपितों के खिलाफ जांच की जा रही है। दूसरी तरफ ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि के द्वारा गाली गलौज कर जान से मारने की धमकी के आरोप में क्षेत्र के चार रोजगार सेवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।
वाक युद्ध में दिलचस्प पहलू तो यह है कि आखिर रोजगार सेवकों से चंदा के रूप में वह कौन सा धन मांगा जा रहा है, जो इनके पास अतिरिक्त है, क्योंकि रोजगार सेवकों का मानदेय तो मात्र 10 हजार रुपये है। इसमें भी दो हजार रुपये काट कर इनको सिर्फ आठ हजार रुपये दिये जाते है। आठ हजार रुपये में आसमान छूती महंगाई में परिवार के भरण पोषण के साथ प्राइवेट विद्यालयों में बच्चों को शिक्षा दिलाना एक नामुमकिन काम करने के बराबर है। लेकिन सूत्रों के दावे के मुताबिक माने तो मनरेगा के कार्य में अधिकतर रोजगार सेवकों के द्वारा फर्जी जॉब कार्ड लगाकर कमीशन पर धन का बंदरबांट किया जाता है। इन्ही लक्ष्मी के मान के लिए ब्लॉक पर ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि एवं रोजगार सेवकों के बीच वाक युद्ध चल रहा है। इस ब्लॉक में ब्लॉक प्रमुख चुनाव की बात तो किसी से छिपी नहीं है, यहां पांच वर्ष में दो बार ब्लाक प्रमुख का चुनाव संपन्न होता है। जिसे जीतने के लिए दोनों दल अपनी प्रतिष्ठा दांव पर लगाकर सोचने से भी अधिक धन का प्रयोग कर प्रतिष्ठा बचाने का काम करते हैं।क्षेत्रीय जनता ने उक्त लक्ष्मी के मान के युद्ध की योगी सरकार के ईमानदार अधिकारी से जांच कराई जाए तो अपने अपने हित में लगे दोनों दलों की हकीकत सबके सामने होगी।