90 वर्षीय बुजुर्ग की लाखों रूपये कीमती भूमि को बिकवाने पर परिजनों किया विरोध
90 वर्षीय बुजुर्ग की लाखों रूपये कीमती भूमि को बिकवाने पर परिजनों किया विरोध
रिपोर्ट – आकाश उर्फ अक्की भईया संवाददाता
दिबियापुर,औरैया। दिबियापुर थाना क्षेत्र ग्राम नगला मोहन निवासी मूलचंद ने मीडिया को अपना दुखड़ा बताते हुये कहा कि उसके 90 वर्षीय पिता ग्यादीन जिनकी उम्र 90 वर्ष की हो चुकी है जोकि करीब 8 वर्ष से उसके छोटे भाई रमेश के साथ रह रहे थे कि एक दिन वह रमेश के यहाँ से गायब हो गये, जिसके बाद पीड़ित मूल चंद ने अपने पिता की काफी खोजबीन की परन्तु जब पीड़ित के पिता का कोई सुराग न मिलने पर बृद्ध के परिजनों ने पुलिस को लिखित सूचना दी, जबकि घटना की हकीकत कुछ इस प्रकार हैकि पीड़ित मूलचंद के भाई रमेश की पुत्री संख्या देवी पत्नी विमल, विमल पुत्र संतोष, संतोषी पत्नी संतोष निवासीगण ग्राम कखावतू थाना व जिला औरैया आदि लोगों ने पीड़ित के पिता को बहला फुसलाकर अपने घर ले गये है, जहाँ पर उपरोक्त लोगों ने बड़ी सूझबूझ व चतुराई से योजना बनाकर पीड़ित मूलचंद के पिता जिनकी बढ़ती हुई उम्र के कारण उन्होनें अपने व अपने परिवारिक जनों के अच्छे, बुरे या उनके भविष्य के बारे में सोचने समझने की छमता नहीं रही है, तथा उनकी मानसिक स्थिति ठीक न होने का पूरा फायदा उठाते हुये, पीड़ित मूलचंद व उसके छोटे भाई के हिस्से में मिला पुस्तैनी मकान एककिता 20X80 वर्गफुट भूमि गाटा सं. 35, 36 व 2458 तथा 2436, 2436(क) मकान/भूमि जो गाँव में है, जिसे उक्त संख्या देवी पत्नी विमल, विमल पुत्र संतोष, संतोषी पत्नी संतोष ने दिनांक 19/04/2023 को अंकित यादव पुत्र हरीश निवासी आजाद नगर कलेक्ट्री रोड थाना दिबियापुर परगना व जिला औरैया के नाम से लिखित एग्रीमेंट करने बाद अब कृय करना चाहते है, पीड़ित मूलचंद ने बताया हैकि उसके या उसके भाई या अन्य परिजनों के पास इस मकान व भूमि के अलावा दूसरी कोई अतिरिक्त जाजायत नहीं है जहाँ पर पीड़ित या उसका परिवार अपने रहने की व्यवस्था कर अपनी जीविका चला सके, पीड़ित का कहना हैकि इसके बाद भी यदि उसका मकान या भूमि का कृय कर दिया गया तो वह खुले आसमान के नीचे आत्महत्या करने पर मजबूर होगा जिसका जिम्मेदार संख्या देवी पत्नी विमल, विमल पुत्र संतोष, संतोषी पत्नी संतोष सहित क्षेत्रीय प्रशासनिक अधिकारी होंगे, वहीं क्षेत्राधिकारी औरैया का कहना हैकि मूलचंद व उसके भाइयों के द्वारा अपने पिता को ठीक ठंग से नहीं रखते है जिसके कारण वह अपनी रिस्तेदारी में रह रहे है व अपनी स्वेक्षा से अपनी भूमि व जाजायत बेच रहे है, वहीं पीड़ित मूलचंद व उसके भाइयों का कहना हैकि मकान व भूमि उनकी पुस्तैनी है जितना हक उनका है उससे कहीं ज्यादा हक उनके पुत्र व नातियों का भी है,