पांचवे इमाम मो. बाकिर को इल्म में महारथ हासिल थी- मौलाना जैदी
इटावा। पांचवें इमाम मोहम्मद बाकिर की शहादत पर घटिया अज़मत अली स्थित शिया जामा मस्जिद पंजतनी में मजलिस का आयोजन किया गया, मजलिस का शुभारंभ अली मेहदी ने कलाम पढ़कर किया।
मजलिस में मौलाना अनवारुल हसन जैदी ने तकरीर करते हुए कहा पांचवे इमाम मो. बाकिर की पैदायश एक रजब सन 57 हिजरी को हुई और शहादत 7 जिल्हिज्ज़ा सन 114 हिजरी को हुई इमाम की उम्र 57 साल थी। पांचवें इमाम मोहम्मद बाकिर बचपन से ही मुसीबतों से घिरे रहे इमाम ने कर्बला में 72 शहादतों का मंजर और कूफ़े व शाम में हुए जुल्म को बर्दाश्त किया। इमाम को इल्म में महारथ हासिल थी उन्होंने इल्म से कई जटिल मसलों को हल किया। श्री जैदी ने कहा नेक इंसान वह है जो गुनाह होने पर अल्लाह पर यकीन कर तौबा कर ले। तस्बीह ज़हरा इंसान को शैतान से दूर और अल्लाह के करीब करती है। वक्त के जालिम बादशाहों ने इमाम के ऊपर बहुत जुल्म ढाये। जालिम बादशाह ने पांचवें इमाम को दरबार मे तलब किया और उन्हें जहर से शहीद कर दिया गया। मजलिस में हाजी कमर अब्बास नक़वी, राहत अक़ील, शावेज़ नक़वी, सलीम रज़ा, मौलवी ताबिश रिजवी, राहत हुसैन रिज़वी, तनवीर हसन, इबाद रिज़वी, अख्तर अब्बास, जहीर अब्बास, तहसीन रज़ा, मो. अब्बास, मो. मियां, अयाज हुसैन, अमीर हैदर जाफरी, शहज़ादे, शादाब हसन, राहिल, समर, हम्माद, शब्बर अक़ील, सोनू, राजा, रियाज रिज़वी, अदनान जाफरी, परवेज हसनैन, जहूर नक़वी, हसन अब्बास, सलमान रिजवी, तालिब रिज़वी, आतिफ एड., मेहदी, मो. अहमद, फ़ातिक सहित बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया।