इटावा, 26 जून। मादक पदार्थों के विरोध में अन्तर्राष्ट्रीय दिवस पर आज पक्का तालाब के पीछे स्थित नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्र पर भी सेमिनार का आयोजन सम्पन्न
प्रेस विज्ञप्ति
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इटावा, 26 जून। मादक पदार्थों के विरोध में अन्तर्राष्ट्रीय दिवस पर आज पक्का तालाब के पीछे स्थित नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्र पर भी सेमिनार का आयोजन सम्पन् हुआ। माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलन व माल्यार्पण से समारोह का शुभारम्भ हुआ।
पुरबिया टोला स्थित उदासीन गुरुद्वारा के महंत मुख्य अतिथि गणेश दास महाराज ने कहा कि मन मस्तिष्क हृदय को सात्विक बनाने के लिये ध्यान अवश्य करें तो संकल्प शक्ति मजबूत होगी और नशा छूट जायेगी जिसके बिना जीवन नीरस और निरर्थक सा बना रहेगा। प्रजापिता ईश्वरीय विश्वविद्यालय में भी ध्यान की अच्छी विधि सिखाई जाती है।
जिला समाज कल्याण अधिकारी ललिता यादव ने कहा कि नशे के कारण स्नायु तंत्र प्रभावित होते ही तन बदन का होश नहीं रहता, जीवन बर्वाद हो जाता है। समाज परिवार देश को बचाने के लिये हर प्रकार के नशे का त्याग कीजिए। उन्होने नशा मुक्ति केन्द्र की व्यवस्थाओं की प्रशंसा की।
जिला आवकारी अधिकारी विजय पाल सिंह ने कहा कि लोगों को मिलावटी जहरीली शराब से बचाने के लिये सरकार ने व्यवस्था की है। मगर लोगों को नशे से दूर रहना चाहिये। उन्होने नशा म ुक्त भारत अभियान के लिये शपथ भी दिलवाई।
ब्रह्मा कुमारी नीलम बहन ने भटकाव ग्रस्त लोगों को भगवतशरण में जाने, राम नाम जपने परलोक सुधारने का नशा करने की सलाह दी और नारायणी नशा करने का आवाहन किया।
साहित्यकार कुश चतुर्वेदी का कहना था कि नशे से समाज को बचाना सरकारी स्तर पर सम्भव नहीं क्योंकि सरकार ही शराब बिकवाती है और वही मद्य निषेध का अभियान भी चलावती है। खुद को परिवार, बच्चों के भविष्य के लिये त्याग करें संकल्प करें तो ही बुराई से मुक्ति सम्भव है।
स्तम्भकार गणेश ज्ञानार्थी ने कहा कि कैंसर ग्रस्त अंग को काट देने की सलाह डाक्टर देता है। माता-पिता गुरु समाज की बात मानना अगर बुरा लगता है तो अपने बीमार दिमाग का इलाज खुद करें, रोज पैर से उतारें, अपनी चाँद पूजा स्वयं करें अपने दिमाग को खुद ठिकाने लायें तो जमाने में बेइज्जत होने से बच जायेंगे।
विद्यार्थी परिषद के आशीष बाथम ने कहा कि विश्व भारत के युवा के प्रति आशा भरी निगाह से देख रहा है, हमें हर कीमत पर युवा को नशे के भटकाव से बचाना है।
अध्यक्षता कर रहे अशोक यादव ने नशा मुक्त हुये दो युवकों को संस्था में ही रोजगार देने की प्रशंसा की व उन्हें सम्मानित कर प्रोत्साहित किया।
प्रख्यात कथा वाचक ऋशि नन्दन मिश्र ने पद्मपुराण के हवाले से कहा कि नशा करने वाले ब्राह्मण को दान देने वाला नर्क में जाता है तथा दान ग्रहण करने वाला शूकर की योनि को प्राप्त होता है। उन्होने कुसंग को ही नशा की जड़ बताया और त्याग ही एकमात्र उपाय बताया जिससे बुराई से मुक्ति सम्भव है।
इस अवसर पर सुनील दीक्षित एडवोकेट, राम प्रकाश चित्रवंशी, राजवीर सिंह राना, जे0 एस0 शाक्य, उप प्राचार्य डायट आदि ने सम्बोधित किया। संचालन परियोजना निदेशक दामोदर बाथम ने किया। श्रीमती कौशल्या देवी पू0मा0 विद्यालय समिति शिवपुर टिमरुआ की ओर से संचालित 30 विस्तरीय नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्र के प्रबन्धक रामनरेश आचार्य एवं डा0 विकास शाक्य ने सभी अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त कर सभी को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
समारोह में कोषाध्यक्ष मुन्नी भदौरिया, हरिओम, मोहन दीक्षित, श्याम जी उपस्थित रहे।