एक करोड़ की लागत से बनी “कुरसैना”  गांव की “पेयजल टंकी” सफेद हाथी

  *15 वर्ष बीत गए चालू न हो सकी

 

    फ़ोटो: शोपीस बनी  खड़ी पानी की टंकी 
    जसवन्तनगर(इटावा)। कुरसैना गांव जसवंतनगर इलाके का न केवल महत्वपूर्ण गांव है बल्कि  यह कस्बे से भी सटा हुआ और  तीन  साढ़े तीन हज़ार लोगो की इसमें आवादी  बसती है।
15 वर्ष पूर्व कुरसैना मे 1  करोड़ की लागत  से पेयजल की टंकी ग्राम सभा को सहयोग कर उत्तर प्रदेश शासन ने जल निगम से बनवाई थी। मगर आज तक चालू नहीं हो सकी है और बंद पड़ी  खड़ी लोगों को मुंह पर आ रही है।।
   दस हज़ार लीटर क्षमता की यह टँकी  2007 में बनाई गई थी ।पेयजल आपूर्ति के लिए ग्राम कुरसेना, हनुमंत खेड़ा, धोरेरा तथा नगला नवल में इसकी पाइप लाइनें बिछाई गई थी। 6 माह तक आपूर्ति चालू करने का प्रयोग होता रहा, उसके बाद से इस टंकी की सप्लाई किसी भी गांव तक नहीं पहुंची।
 ग्रामवासी दयानंद, राजेश कुमार, उपदेश कुमार, पिंटू, गिरजेश, विमल कुमार, आदि का कहना है कि इस पानी की टंकी की मोटर भी खराब पड़ी है। कोई भी इस की सुध नहीं ले रहा है और पानी की टंकी का  ग्रामीण उपयोग नहीं कर पा रहे हैं।
।लोगों का तो यहां तक कहना है कि ग्रामसभा में एक करोड़ की लागत से याद हैंडपंप  ही लगा दिए जाते तो  पेयजल समस्या ही नहीं रहती।  इस संबंध में खंड विकास अधिकारी, उप जिलाधिकारी जसवंतनगर, तथा जिलाधिकारी से शिकायतें की गई है मगर समस्या जस की तस है। किसी भी अधिकारी ने समस्या के निदान की कोशिश नहीं की है।
ग्राम प्रधान दीपिका यादव का कहना है उन्हें अभी तक टंकी हस्तांतरित नहीं  हुई है, जिसके चलते रखरखाव नहीं कर पा रहे।पेयजल टंकी के रखरखाव के लिए जो भी पैसा आता है, वह जल निगम के अधिकारी ही खर्च कर लेते हैं।
*वेदव्रत गुप्ता

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