मानसिक रोगों के रोगियों को झाड़-फूंक के चक्कर में न डालें, शीघ्र इलाज कराएं
फ़ोटो: कार्यक्रम को संबोधित करते मुख्य अतिथि क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट रामेश्वरी प्रजापति
जसवन्तनगर(इटावा)। मानसिक रोग के रोगियों को स्वजनों और चिकित्सकों की मदद की जरूरत होती है ,उन्हें झाड़-फूंक के चक्कर में डालकर उनके जीवन के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।
यह बात क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट रामेश्वरी प्रजापति ने शुक्रवार को यहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आयोजित राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत संबोधित करते हुए कही है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया था।
श्रीमती प्रजापति ने कहा कि मानसिक विकार से ग्रसित व्यक्तियों को झाड़-फूंक के चक्कर में डालने से उनकी हालत दिनोंदिन बिगड़ती है और फिर रोग असाध्य हो जाता है।
उन्होने बताया कि मानसिक रोगियों को सरकार नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा देती है। इस रोग में नींद न आना, तनाव, घबराहट, जीवन के प्रति निराशा, डर लगना, व्यवहार में अचानक तेजी आना आदि लक्षण इस मानसिक रोग का शिकस्त होना दर्शाते है। उन्होंने कहा कि ऐसे रोगियों का जितनी जल्दी हो सके चेकअप कराकर इलाज शुरू करना चाहिए।
उन्होंने मानसिक बीमारियों व उनके लक्षण, कारण, बचाव आदि के बारे में काफी विस्तार से जानकारी दी। अच्छे आहार, योग, व्यायाम, अच्छी नींद आदि के माध्यम से काफी हद तक मानसिक बीमारियों से बचा जा सकता है।
इस दौरान कम्युनिटी केश मैनेजर रोहित कुमार यादव ने कहां कि मनोरोग अब अभिशाप नहीं है ।मानसिक स्वास्थ्य एवं शारीरिक स्वास्थ्य एक दूसरे के पूरक है। उन्होंने कहा कि ऐसे मरीज काल्पनिक विचारों की आंतरिक जिंदगी में जीता है। बाहरी दुनिया से अलग थलग पड़ा रहता है इससे उसके कामकाज के तरीके एवं एकाग्रता दोनों पर असर पड़ता है।
इस कार्यक्रम में एम एंड डी ऑफिसर अविनाश द्विवेदी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ सुशील कुमार के अलावा एएनएम ,आशा,व सीएचसी स्टाफ भी मौजूद रहा।
*वेदव्रत गुप्ता