आदिवासी आंदोलन के लोकनायक बिरसा मुंडा की मनाई गई 146 वीं जयंती

भरथना: कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत इटावा रोड पर संचालित होली प्वाइंट एकेडमी के द्वारा आज आदिवासी आंदोलन के लोकनायक बिरसा मुंडा की 146 वी जयंती मनाई गई है। इस दौरान स्कूल के तमाम बच्चों ने स्कूल के अध्यापकों के साथ भरथना बकेवर मार्ग पर ग्राम मोढी में संचालित एक ईंट भट्टे पर पहुंचकर बिरसा मुंडा की जयंती मनाई है। ग्राम मोढ़ी के इस ईट भट्टे पर आदिवासी लोग रहते हैं। इन्हीं आदिवासी लोगों के साथ होली प्वाइंट एकेडमी के छात्र-छात्राओं और अध्यापकों के द्वारा बिरसा मुंडा की 146 वीं जयंती मनाई गई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार आपको बता दें कि अंग्रेजों के दमनकारी शासन के खिलाफ बिरसा मुंडा को आदिवासी आंदोलन का लोकनायक कहा जाता है। बिरसा मुंडा जनजाति के लोकगीतों में अमर बिरसा को आज भगवान धरती आबा के रूप में माना जाता है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में आजादी और आदिवासी अस्मिता के प्रतीक बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 में झारखंड के रांची जिले के इलिहतु नामक गांव में हुआ था।

बिरसा मुंडा मात्र 25 साल की उम्र में अपने हक और स्वयत्तता के लिए अंग्रेजो के खिलाफ लड़ते हुए शहीद हो गए थे। बिरसा मुंडा ने आदिवासियों को अंग्रेजी हुकूमत से मुक्त होकर सम्मान से जीने के लिए प्रेरित किया था। झारखंड के सिंहभूमि और रांची में रहने वाले मुंडा जनजाति के लोग आज इन्हें अपने भगवान के रूप में पूजते हैं।

बिरसा मुंडा को 19वीं सदी के अंत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक सशक्त विद्रोह के लिए याद किया जाता है बिरसा मुंडा एक युवा स्वतंत्रता सेनानी और एक आदिवासी नेता भी थे।

इस कार्यक्रम के दौरान होली प्वाइंट एकेडमी के डायरेक्टर प्रदीप पांडेय के साथ स्कूल के अध्यापक अध्यापिकाएं व छात्र छात्राओं सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

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