*अपराधियों को नहीं, अधिवक्ताओं को बर्बाद करने पर आमादा है भदोखार पुलिस*

माधव सन्देश /संवाददाता रायबरेली 

रायबरेली – सदर क्षेत्र में अधिवक्ताओं पर अत्याचार के मामले बढ़ते जा रहे है, पुलिस अपराधियों को पकड़ने वा कार्यवाही करने बजाए अधिवक्ताओं को ही बर्बाद करने पर उतारू है! ताज़ा मामला भदोखर थाना क्षेत्र के मुंशीगंज निवासी अधिवक्ता राम प्रकाश तिवारी का है जिनकी कुछ ज़मीन एम्स के पास है और उस ज़मीन पर भूमाफियों की गिद्ध नजर है, इसी ज़मीन पर 5/11/22 की रात को दबंग भूमाफिया खल्लू तिवारी उर्फ़ अरविन्द तिवारी निवासी पांसापुर जबरन कब्जा कर रहे थे जब इसका विरोध अधिवक्ता राम प्रकाश तिवारी ने किया तो मुंशीगंज चौकी इंचार्ज ने बड़ी बहादुरी दिखाते हुए उल्टे पीड़ित अधिवक्ता को ही चौकी पर बिठा कर डराने-धमकाने लगे! जब इस बात का पता सेंट्रल बार के अध्यक्ष कमलेश चंद्र पाण्डेय को हुआ तो उन्होंने रात 1 बजे अपने साथी अधिवक्ताओं को चौकी भेज कर राम प्रकाश तिवारी को चौकी इंचार्ज के चंगुल से छूटवाया! साथी अधिवक्ताओं के छुड़वा लाने के बाद रात 3.30 बजे एक बार फिर दबंग पुलिस वालों के साथ अधिवक्ता के घर गया और दबंग के साथ मौजूद पुलिस वालों ने अधिवक्ता को थाने चलने के लिए दबाव डाला तब अधिवक्ता ने सेंट्रल बार अध्यक्ष को फ़ोन लगाया और बार अध्यक्ष ने पुलिस के खिलाफ आंदोलन करने की बात कही जिसके बाद दबंगो के लिए काम कर रही बहादुर पुलिस वापस भाग खड़ी हुई!

भदोखर पुलिस के इस रवैए से अधिवक्ता राम प्रकाश तिवारी भयभीत है उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर न्याय की गुहार लगायी है!

*जैसे माही वकील को बर्बाद किया है, वही दशा तेरी भी होगी*- मुंशीगंज चौकी इंचार्ज

अधिवक्ता राम प्रकाश तिवारी ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में बताया है कि किस तरह भदोखर थाने की पुलिस और मुंशीगंज चौकी इंचार्ज भूमाफिया से मिलकर उनकी ज़मीन पर कब्ज़ा करवा रही है, अपने पत्र में राम प्रकाश तिवारी ने बताया है कि 5 नवंबर की रात को जब उनकी ज़मीन पर बनी दीवाल को गिरा कर दबंग खल्लू तिवारी उर्फ़ अरविन्द तिवारी कब्ज़ा कर रहे थे तब उन्होंने 112 पर फ़ोन करके पुलिस को सूचना दी जिसके बाद मुंशीगंज चौकी इंचार्ज ने उल्टा उन्हें डराना-धमकाना शुरू कर दिया, प्रार्थी ने उक्त ज़मीन को लेकर न्यायालय का आदेश भी पुलिस को दिखाया लेकिन चौकी पर मौजूद भूमाफियों के सामने उसे ही बेज्जत किया गया और धमकी देते हुए कहा कि ‘जैसे माही वकील को बर्बाद किया है, वही दशा तेरी भी होगी’, मालूम हो कि अधिवक्ता अखिलेश माही के खिलाफ भी एक भूमाफिया ने रंगदारी का मुकदमा इसलिए लिखवाया है क्योंकि अखिलेश माही धोखा-धड़ी से ज़मीन लिखवाए जाने के एक मामले में पीड़ित के मुकदमे की पैरव्वी कर रहे हैं पहले भूमाफिया ने अखिलेश माही पर मुकदमे को छोड़ देने के लिए दबाव बनाया लेकिन जब अखिलेश माही ने पीड़ित का मुकदमा नहीं छोड़ा तो पुलिस के साथ सेटिंग-गेटिंग का खेल कर के उल्टा अखिलेश माही पर ही रंगदारी का मुकदमा लिखवा दिया, इस पर भी जब अखिलेश पीछे नहीं हटे तो भूमाफिया ने अपने गुर्गो के साथ अधिवक्ता अखिलेश माही पर जानलेवा हमला कर दिया, माही पर हुए जानलेवा हमले का मुकदमा रायबरेली सदर कोतवाली में दर्ज है! अखिलेश माही पर हुए जानलेवा हमले में पुलिस ने अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की है लेकिन उन पर लिखे रंगदारी के मुकदमे को लेकर पुलिस आए दिन माही को प्रताड़ित करती रहती है! इसी तरह बीजेपी की कद्दावर नेता और पूर्व प्रत्याशी सदर विधानसभा अनीता श्रीवास्तव पर भी जानलेवा हमला हुआ था जिसमें भी पुलिसिया कार्यवाही शून्य है!

*सदर क्षेत्र की पुलिस से भयभीत है अधिवक्ता और सभ्यजन*

सदर क्षेत्र में पुलिस की बड़ी अधिकारी पर सत्ताधारी नेता का वरदहस्त है जिसके कारण सदर क्षेत्र में पुलिसिंग केवल कागजों और सोशल मीडिया पर है! अपराध में कमी होने बजाए वृद्धि होती जा रही, पहले अखिलेश माही, फिर अनीता श्रीवास्तव और अब राम प्रकाश तिवारी जैसे तीन सम्मानित अधिवक्ता पुलिसिया कार्यशैली से पीड़ित हैं! आप समझ सकते हैं कि जब अधिवक्ताओं के साथ पुलिस का ऐसा रवैया है तो आम जनता के साथ कैसा होगा? सदर क्षेत्र में अधिवक्ताओं के खिलाफ अपराध बढ़ते जा रहे है और इन मामलो में पुलिस अपराधियों के साथ होकर अधिवक्ताओं को ही प्रताड़ित करने पर उतारू है जिसको लेकर अधिवक्ताओ में खासा रोष है!

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