श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन
अरूण दुबे।भरथना।मोहल्ला गिरधारीपुरा स्थित कृष्ण वाटिका में आयोजित श्रीमद् भागवत सरसकथा वाचक वृंदावन धाम मथुरा से पधारे पं0 रजत तिवारी ने कहा कि जब इन्द्र के स्थान पर गोबर्धन पर्वत की पूजा की तो देवराज इन्द्र ने इसे अपना अपमान समझा और मूसलाधार वर्षा आरम्भ कर दी।
ऐसे संकट में ब्रजवासियों की गुहार पर भगवान कृष्ण ने मूसलधार वर्षा से उनकी रक्षा के लिए सात दिन तक गोवर्धन पर्वत को अपनी सबसे छोटी उँगली पर उठाकर रखा और गोप-गोपिकाएँ उसकी छाया में रहे। सातवें दिन भगवान ने गोवर्धन को नीचे रखा,तभी से प्रतिवर्ष गोवर्धन पूजा करके अन्नकूट उत्सव मनाया जाता है,इसके अलावा उन्होंने अन्य प्रसंग से जुड़ी कथाओं का भी उल्लेख किया गया। सहायक व्यास सत्यम अवस्थी जी महाराज ने अन्य धार्मिक प्रसंगों का श्रवण कराया।भागवत पंडाल में मौजूद कई महिला-पुरुष श्रद्धालुओं द्वारा भक्तिभाव से श्रवण किया गया।कथा के दौरान परीक्षित के रूप में नरेश चंद्र पाठक, व उनकी धर्मपत्नी प्रेम कुमारी पाठक के अलावा कई श्रद्धालुओं मौजूद रहे।
इस दौरान रवि प्रकाश, गौरव पाठक, अतुल पाठक, जितेंद्र यादव, जगदीश प्रसाद, सुरेंद्र, सुरेश, गिरीश, अनिल, स्थल पाठक, आदि व्यवस्था में जुटे रहे।