बस स्टैंड पर इंतजाररत रहते यात्री, ओवरब्रिज से सीधे निकल जातीं रोडवेज बसें

 *जसवंतनगर में आवागमन करने वाले यात्रियों का बुरा हाल

फोटो: जसवंत नगर में हाईवे ओवरब्रिज से निकलती रोडवेज बसें

जसवंतनगर(इटावा)। आगरा जाने के लिए जसवंतनगर निवासी ओमप्रकाश परिवार के साथ सोमवार सुबह साढ़े ग्यारह बजे रोडवेज बस स्टैंड चौराहे पर पहुंच गए थे। वहां उन्होंने पूछताछ की तो बताया गया कि बस कुछ ही देर में आएगी, लेकिन ज्यादातर बसे नगर के चौराहे पर न आकर सीधे हाइवे ओवरब्रिज से निकलगईं।

फोटो- बस स्टैंड चौराहे पर घंटों यह इंतजार करते यात्रीगण

अपने साथ छोटे बच्चों को लिए ओमप्रकाश इंतजार करते रहे और आधा किलोमीटर दूर हाइवे ओवरब्रिज किनारे जाना उन्होंने पहले उचित नहीं समझा, बाद में जब दो घंटे तक बस नही आई, तो वह हाईवे ओवरब्रिज किनारे ही पहुंचने को मजबूर हुए, तब ऊपर से गुजर रही एक बस में वह जैसे तैसे बच्चों सहित बैठे।

ऐसा नजारा रोज ही यहां जसवन्तनगर में देखने को मिलता है। लोग घंटों परेशान रहते हैं।

औरैया डिपो की आगरा तरफ जाने वाली कुछ बसों को छोड़कर अन्य डिपो की बसें अंदर चौराहे पर आने के बजाय सीधे निकल जाती हैं। बस चालक हाईवे पर ही यात्रियों को उतारकर सीधे निकल जाते हैं। जबकि इन बसों के इंतजार में यात्रीगण बस का इंतजार करते ही रहते हैं। रोडवेज बस चालकों की मनमानी से यात्रियों को परेशानी है, मगर विभागीय अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे।

आगरा जाने वाले यात्री मुन्नी देवी, बलवीर सिंह, नजराना बेगम, रमेश चंद्र, मो. इलियास समेत दर्जनों लोगों ने बताया है कि यहां नगर के आवागमन के हालात अजीबो गरीब और बदतर हैं। पहले सड़को का चौड़ीकरण नहीं था, तब आवागमन में लोगों को आराम था। रात हो या दिन पहले आवागमन के साधन आसानी से उपलब्ध हो जाते थे। मगर जब से ओवर ब्रिज बना है, तब से पूरे नगर में आवागमन के संसाधनों का अकाल हो गया है। रोडवेज बस चालकों को भी आराम हो गया,क्योंकि वह ऊपर-ऊपर निकल जाते हैं, नीचे सवारियां बसों को दूर से गुजरते देख ताकती रह जाती हैं।

यात्रियों का यह दर्द कोई दूर नहीं कर पा रहा है।यहां के कुछ कथित पत्रकार इटावा आर एम का इंटरव्यू छाप छापकर लोगों को और चिढ़ाते कि बस सर्विस रोड से ही गुजरेंगी।ये दलाल टाइप लोग आए दिन आर एम रोडवेज की भाटगीरी करने उनके ऑफिस जाते और भाई भतीजों की नौकरी की गुहार लगाते फेसबुक पर रोडवेज बसें सर्विस रोड पर चलवाते लोगों के गुस्सा के पात्र बन गए हैं। जबकि ऊपर जाने वाली बसों को नीचे से गुजरने का इंतजाम करना जरूरी है।

जसवंतनगर व आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को आगरा, टूंडला, फिरोजाबाद, शिकोहाबाद, सिरसागंज , इटावा, औरैया, दिल्ली आदि स्थानों पर जाने के लिए चौराहे से पैदल चलकर ब्रिज के करीब आधा किलोमीटर छोर पर जाकर बसों का इंतजार करना पड़ता है। दिन में तो वहां पहुंचने के लिए साधन मिल जाते हैं, लेकिन रात के समय ब्रिज के छोर पर पहुंचना दिक्कतों भरा रहता है।

बताते चलें कि परिवहन निगम ने कानपुर व आगरा रूट से आने वाली रोडवेज की बसों को जसवंतनगर चौराहे से होकर चलाने के कागजी भर आदेश दे रखे है। बस चालक अधिकारियों का कोई आदेश नहीं मानते। विभाग ने दो कर्मचारियों को इस वास्ते तैनात भी किया था ,मगर ये डग्गामार वाहन चालकों के एजेंट बन गए, इसलिए।उन्हे हटा दिया गया औरओवर ब्रिज के नीचे से रोडवेज की हरेक बस गुजारने का आदेश हवा हवाई हो गया।

∆वेदव्रत गुप्ता

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