दीपावली की शाम इस बार खील बिकी मात्र 25 रुपए किलो

*खील विक्रेताओं को दीपावली का त्योहार दे गया घाटा

फोटो दीपावली के दिन एक फड़ पर भारी मात्रा में बची खीलें

     जसवंत नगर (इटावा)। दीपावली के त्यौहार पर हर घर में धान की बनी ‘खील’ अवश्य ही खरीद कर ले जाई जाती है। खीलों से दीपावली पूजन करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

हर वर्ष इस त्योहार के आने से पहले बाजारों में खीलों के फड़ जगह जगह लग जाते रहे हैं और लोग दीपावली के अन्य सामानों के साथ खीले खरीद कर अपने घरों को ले जाते हैं ।दीपावली के दिन अक्सर खीलों की कमी हर वर्ष हो जाती थी और यह काफी महंगी उस दिन बिकती थी।

मगर इस बार खील बेचने वालों को लंबा घाटा उठाना पड़ा है, क्योंकि 60 और65 रुपए प्रति किलो बिकने वाली खील इस बार दीपावली के दिन मात्र 25-30 किलो ही बिकी।

भाड़ से खीले भूनकर बेचने वाले भड़भूंजो के यहां इस बार खील उत्पादन कम हो सका था ,क्योंकि दीपावली से 10 दिन पहले तक क्षेत्र में जमकर बरसात हो रही थी और बहुत ही थोड़ी मात्रा में खीले तैयार हो सकी थी।

बताते हैं कि इस बार खीलों की सप्लाई गुजरात की फैक्ट्रियों से न केवल क्षेत्र में आई ,बल्कि आसपास के जिलों में भी यही खीले बिकने आईं। गुजरात से आई मय खर्चे के 50 रुपए किलो तक दुकानदारों को पड़ी थी।

चूंकि हर वर्ष दीपावली वाले दिन इन का अकाल पड़ जाता था और दीपावली के पहले के दिनों में बिकने वाली खील दीपावली के दिन डेढ़ गुने और दोगुने भाव पर बेचकर दुकानदारों को अच्छा मुनाफा हो जाता था। मगर इस बार भारी मात्रा में खील की सप्लाई पूरे जिले में आ गई थी, इस वजह से खींल की कमी कहीं नहीं पड़ी।

दीपावली से एक दिन पूर्व तक तो दुकानदार और खीलो का फड़ लगाने वालों को 10रुपए किलो तक की प्रॉफिट हुई। फिर 60रुपए भाव वाली खील का भावस्टॉक न निकलने के कारण गिराना पड़ा। दीपावली के दिन इनके ढेर के ढेर दुकानों और फड़ों पर लगे रह गए। जब दोपहर 2 बजे तक खील नहीं बिकी, तो दुकानदारों ने उसका भाव गिरा कर 40 से 50रुपए किया, ताकि उनके पास स्टॉक शेष न बचे, क्योंकि बाद में इनकी कोई मांग भी नही होती।

मगर जब देर शाम तक बाजारों में खील का स्टॉक भारी मात्रा में बना रहा, तो मजबूरन 25 और ₹30 किलो तक इसे बेचा गया। फिर भी काफी स्टॉक इस बार बच गया। इस वजह से खील के विक्रेताओं के लिए दीपावली घाटे का संदेश लाई।

एक फड़ वाले ने बताया कि उसके पास ही कम से कम 5 क्विंटल खील का स्टॉक शेष बचा है, जो अब दो चार किलो भी नही बिकेगी। अगली दीवाली तक यह यह खीले बेस्वाद ही नहीं घुन-पटा लगकर खराब भी हो जाने वाली है।

– वेदव्रत गुप्ता

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