:नेता जी की त्रियोद्सी पर विशेष
बचपन से ही बजरंगबली के भक्त थे, नेताजी मुलायम सिंह यादव
फोटो:- 2012 -2013 के सैफई महोत्सव उद्घाटन समारोह में पवन पुत्र हनुमान जी की पूजा-अर्चना करते नेता जी मुलायम सिंह यादव। नेताजी द्वारा सैफई में स्थापित कराई गई 80 फुट ऊंची हनुमानमूर्ति
~वेदव्रत गुप्ताजसवंतनगर (इटावा)। अयोध्या विवाद और राम मंदिर को लेकर स्वर्गवासी हो गए नेता जी मुलायम सिंह यादव को खूब घेरा गया। उनकी छवि घोर हिंदू विरोधी घोषित करने की पूरे देश में निरंतर कोशिशें की गईं। उन्हे ‘ मुल्ला- मुलायम’ जैसे खिताबों तक से खूब नवाजा गया।
दरअसल में अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिराए जाने के दौरान मुख्यमंत्री के रूप में मुलायम सिंह को अपने शासकीय दायित्वों और विवादास्पद जन्म भूमि में यथास्थित बनाए रखने के लिए जो कदम उठाने पड़े थे,उनको उन्होंने उठाया था। इस सबको लेकर उन्हें बराबर हिंदुओं का विरोधी ठहराया जाता रहा।
लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि नेताजी मुलायम सिंह बचपन से ही राम के सेवक हनुमान के भक्त थे। स्कूल में जब वह पढ़ते थे ,तब भी हनुमान जी की पूजा किया करते थे और अपनी अम्मा से पैसे लेकर मंगलवार को प्रसाद चढ़ाया करते थे ।उन्हे बचपन से ही हनुमान चालीसा याद था। एक बार समाजवादी नेता राज नारायण ने उनसे हनुमान चालीसा सुनाने को कहा था ,तब नेता जी ने जब कंठस्थ किया हुआ पूरा हनुमान चालीसा राज नारायण जी को पढ़कर सुना दिया था,तो राज नारायन बहुत प्रभावित हुए थे और उनकी पीठ थपथपाई थी। दोनों ही नेता समाजवादी थे। राज नारायण का तो हनुमान प्रेम और उनकी हर सफलता में हनुमान चालीसा के चर्चे अक्सर होते थे, मगर नेताजी को बाबरी मस्जिद को लेकर सदैव राम विरोधी उनके विरोधी ठहराते रहे।
नेताजी को बचपन से ही पह लवानी का शौक था। वह अखड़ों में उतरने से पहले अखाड़े की मिट्टी को नमन कर, जय बजरंगबली बोलते प्रतिद्वंदी को पछाड़ देते थे। नेता जी के बल सखा रहे प्रधान दर्शन सिंह ने एक बार बताया भी था कि वह और नेता जी अक्सर पिलुआ वाले हनुमान जी के दर्शनों को बुढ़वा मंगल को जाया करते थे।
सन 1996 में जब सैफई में मेला लगना शुरू हुआ, जिसका नाम बाद मेंसैफई महोत्सव पड़ा था, तो पहली बार नेताजी को नहीं बुलाया गया था। दूसरी वर्ष ये मेला लगा और नेता जी को उनके भतीजे स्वर्गीय रणवीर सिंह आमंत्रित करने गए ,तो नेता जी ने कहा था कि मैं उद्घाटन करने तभी आऊंगा, जब सैफई मेले की शुरुआत हनुमान जी की पूजा और हवन से किया जाए। आयोजकों ने तब 1997 में सबसे पहले हनुमान जी की मूर्ति मंगाई और उसका पूजन करके ही नेता जी ने सैफई मेले का शुभारंभ किया था।
मुलायम सिंह यादव ने जब सिविल लाइन स्थित अपने नए घर का ग्रह प्रवेश किया था, तो घर में सबसे पहले हनुमान जी की एक प्रतिमा स्थापित कराई थी, जिसके दर्शन करके ही वह प्रायः वह अपने दौरों पर जाते थे ।जो लोग नेताजी के दिल्ली आवास पर कभी गए हैं तो उन्होंने देखा होगा की प्रवेश द्वार के रिसेप्शन के पास ही हनुमान जी की 7-8 फुट ऊंची कांस्य प्रतिमा उन्होंने विराजित कराई हुई थी।
सन 2016 में नेता जी की इच्छा को पूरा करने के लिए ही करीब 80 फुट ऊंची हनुमान जी की एक विशाल मूर्ति सैफई महोत्सव मेला मैदान में लगवाई गई थी और उसकी प्राणप्रतिष्ठा नेता जी ने वनारस से विद्वान आचार्यों से कराई थी और सैफई जब भी आते थे, नेता जी इस मूर्ति के रखरखाव और पूजन की व्यवस्थाओं के बारे में अवश्य जानकारी लेते थे। बाद में अखिलेश यादव ने इस मूर्ति के चारों ओर भव्य परकोटा बनबाया , आज इस हनुमान प्रतिमा पर लोग आकर पूजन करते और मनौतियां मांगते हैं। इस मूर्ति के करीब ही नेता जी का स्मृति स्थल अब बनवाने की तै यारी चल रही है।
~वेदव्रत गुप्ता