राज्य आपदा विषयक सर्पदंश जागरूकता उपयोगी-एबीएसए

● भरथना बीआरसी पर सर्पदंश जागरूकता कार्यक्रम सम्पन्न,

*अरुण दुबे।इटावा। मुख्य विकास अधिकारी के दिशा निर्देशन में व बेसिक शिक्षा अधिकारी के सहयोग से जनपद इटावा में पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण के लिये कार्य कर रही संस्था ऑर्गनाइजेशन फ़ॉर कंजर्वेशन ऑफ एनवायरनमेंट एंड नेचर ओशन द्वारा आयोजित स्कूल सेफ्टी (एसएस) एवं एसडीएमपी स्कूल डिजास्टर मेंनेजमेंट प्लान के तहत राज्य आपदा विषयक सर्प पहचान, सर्पदंश उपचार व सर्पों का महत्व विषय पर आधारित एक बेहद महत्वपूर्ण जागरूकता कार्यक्रम बीआरसी भरथना पर निपुण भारत मिशन के तहत चल रहे चार दिवसीय प्रशिक्षण के क्रम में आयोजित हुआ। जिसमे भरथना ब्लॉक के निपुण भारत कार्यक्रम में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे कई शिक्षक शिक्षिकाओं ने अपनी सहभागिता की। उक्त सर्पदंश जागरूकता कार्यक्रम में नगर पालिका परिषद इटावा के पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण के ब्रांड एम्बेसडर एवं मिशन स्नेक बाइट डेथ फ्री इण्डिया के यूपी कोर्डिनेटर,वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ० आशीष त्रिपाठी ने सभी मौजूद प्रशिक्षणार्थियों को सर्पो से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ पीपीटी व प्रोजेक्टर के माध्यम से देते हुये बताया कि,भारत मे हर साल सर्पदंश से लगभग 50 हजार लोग असमय ही मरते है जिनमे से ज्यादातर लोग लगभग 8 हजार से अधिक लोग उत्तर-प्रदेश से होते है सही समय से सही इलाज न मिलने से ही लोग सर्पदंश में अक्सर मरते है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में व घरों में चूहों को सूंघकर ही उनके पीछे अक्सर सर्प भी आ जाते है। अतः हमे अपने अपने घर मे व स्कूलों में भी साफ सफाई का विशेष प्रयास अवश्य ही करना चाहिये। उन्होंने कहा कि कृपया इस मौसम में वेहद सावधान रहें क्यों कि कभी अपको बाइट भी हो सकती है । वैसे तो छोटे बड़े सर्प अक्सर ही हमारे आस पास हमे कभी भी दिखाई दे ही जाते है और हम भयभीत होकर अनजाने में सर्पदंश का शिकार भी हो जाते है लेकिन ऐसी स्थिति में हमे बिल्कुल भी घबराना नही है क्यों कि हमारे आस पास दिखाई देने वाले सभी प्रकार के सर्प जहरीले ही नही होते है। ध्यान रहे कि सर्पदंश का इलाज झाड़ फूँक नही बल्कि सिर्फ एंटीवेनम ही होता है। डॉ० आशीष ने कहा कि, सभी सर्प किसान मित्र भी होते है जो चूहों को खाकर पर्यावरण संतुलन बनाये रखने में अपनी अहम भूमिका भी निभाते है। सम्पूर्ण भारत मे पाई जाने वाली खतरनाक बिग फोर प्रजाति में से केवल कोबरा,करैत व रसल वाइपर को ही अब तक इटावा जनपद में देखा गया है। कार्यक्रम में संस्था ओशन के डिस्ट्रिक्ट कोर्डिनेटर व ब्लॉक स्काउट मास्टर डॉ पीयूष दीक्षित ने प्रश्नोत्तरी पहर में सामाजिक अंधविश्वास विषय पर सभी शिक्षकों को जागरूक किया व कई अन्य महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान कर अंधविश्वास दूर किया। कार्यक्रम में उपस्थित खण्ड शिक्षा अधिकारी सर्वेश कुमार ने कहा कि,आज का यह जागरूकता कार्यक्रम बेहद ही अनूठा व ज्ञानवर्धक रहा इस आयोजन से हम सभी लोगों का सर्पों के प्रति अज्ञात भय समाप्त हो गया है। उत्तर-प्रदेश सरकार ने सर्पदंश को राज्य आपदा भी घोषित किया है उस परिपेक्ष्य में यह जागरूकता कार्यक्रम शिक्षकों के लिऐ बेहद उपयोगी है व भविष्य में समाज मे सर्पदंश से होने वाली जनहानि रोकने के लिये भी बेहद ही उपयोगी सिद्ध होगा। एआरपी विष्णु कुमार ने कहा कि,इस जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से हमने सभी प्रकार के सर्पों को पहचानने के साथ साथ सर्पदंश के बाद का जरूरी प्राथमिक उपचार व पट्टी करना भी सीखा साथ मे यह भी जाना कि सर्पदंश के बाद सही इलाज के लिए कहाँ जाना चाहिये। डॉ०मो०सलीम अशरफ ने कहा कि,इस प्रकार का महत्वपूर्ण जागरूकता कार्यक्रम प्रदेश भर में ही नही देश भर में आयोजित होना चाहिये जिससे कि, समाज मे सर्पदंश व उसके इलाज के प्रति जागरूकता बढ़े व झाड फूँक के प्रति अंधविश्वास खत्म हो सके। अन्य एआरपी में जॉली शाक्य,सुशील यादव, रामवीर यादव,सहित समेकित शिक्षा के अध्यापकों में पवन दीक्षित ब्लॉक अध्यक्ष रा०शैक्षिक महासंघ,कुलदीप पोरवाल, ओम प्रकाश,अरुण पाण्डेय अनुज यादव, राजेन्द्र सिंह यादव,योगेश तिवारी,गौरव गुप्ता,राहुल कुमार,कीर्तिवर्धन सिंह, मनोज शर्मा आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन एआरपी भरथना डॉ०मो०सलीम अशरफ ने किया।

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