मुलायम के निधन से रो पड़ी उनकी कर्म स्थली ‘जसवंतनगर’

रिपोर्ट~वेदव्रत गुप्ता
जसवंतनगर(इटावा)।यहां की मांटी के लाल और देश की राजनीति के शीर्ष पुरुषों में शुमार मुलायम सिंह यादव की दुनियां से अलविदाई पर उनकी कर्मस्थली जसवन्तनगर सोमवार को रो पड़ी।
जसवंतनगर से मात्र 8 किलोमीटर दूर सैफई में जन्म लेने वाले नेता जी हालांकि अपनी अस्वस्थता की वजह से करीब दो वर्ष से जसवंत नगर की धरती पर नहीं आ सके थे, मगर उनका नाता यहां के कण कण में अंतिम समय तक जुड़ा रहा।
मुलायम सिंह के देहावसान की खबर सुबह सवाआठ बजे से चल निकली थी, मगर 9 बजते बजते कन्फर्म जैसे ही हुई लोग दुखी होने लगे। कई लोग फफक-फफक कर रोने लगे।
बाजार जो खुल रहेथे,वह स्वयं बंद होने लगे। राहुल गुप्ता आदि ने जब एक दम कन्फर्म किया,तो बाजार और मेले में लगी दुकानें बंद हो गईं। बहुत लोग सैफई की ओर रवाना हो गए।
पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के परलोक गमन पर रामलीला समिति जसवंतनगर द्वारा आयोजित समस्त कार्यक्रम तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिए गए। यह घोषणा हीरालाल गुप्ता,मंत्री रामलीला समिति जसवंतनगर द्वारा मेले में लगे ध्वनि विस्तारकों से की गई।
स्व मुलायम सिंह यादव का जसवंतनगर के लोगों से 55 वर्षों पुराना नाता था। यहां के गांवों गलियों तक में उनकी अपनी पहचान थी। 1967 से 1996 तक वह 8 बार यहां की विधानसभा सीट से विधायक बनकर कई बार मुख्यमंत्री बने। वर्तमान में जसवंतनगर के वोटों से बनी मैनपुरी लोकसभा सीट के वह लोक सभा सदस्य भी थे, इसलिए वह जसवंतनगर से अंतिम सांस तक जुड़े थे।
जसवंत नगर और सैफई को देश में पहचान दिलाने वाले, लोकप्रिय नेता मुलायम सिंह यादव के स्वर्गवास पर तहसील परिसर में सभी अधिवक्ताओं, लेखकों,स्टाम्प विक्रेताओं, सहायकों द्वारा शोकसभा आयोजित की गई और श्रद्धांजलि अर्पित की।ईश्वर से उन्हे अपने चरणों में स्थान व आत्मा को शांति प्रदान किए जाने की प्रार्थना की गई। इसके बाद तहसील में कार्य स्थगित कर दिया गया। नगर के समाजवादी पार्टी कार्यालय पर पार्टी का झंडा झुका दिया गया।
बताया गया है कि स्वर्गीय नेता जी का पार्थिव शरीर सैफई पहुंचने के बाद अंतिम दर्शनों को उनके अपने पैतृक आवास पर रहेगा। उसके बाद मंगलवार सुबह इसे सैफई महोत्सव पंडाल में लोगों के अंतिम दर्शनों को रखा जायेगा। दोपहर तीन बजे महोत्सव मैदान में स्थित पारिवारिक समाधि स्थल पर अंतिम संस्कार होगा।
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सैफई में अंतिम दर्शनों के लिए भीड़ जुटनी शुरू
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मुलायम सिंह यादव के निधन की खबर जैसे ही सुबह उनके पैतृक गांव सैफई पहुंची ,हर आंख नम हो गई। कई युवा तो बिलख बिलखकर रो पड़े। मुलायम के भाई अभयराम सिंह भावुक होकर विलापकर रहे थे । वह भरी आंखों से कुछ भी नही बोल पा रहे थे। गांव के बुजुर्ग उनको ढाढस बंधा रहे थे। नेताजी को बहुत करीबी से जानने वाले बताते हैं कि नेता जी अपने अंतिम दिनों में भी यहां के लोगों से फोन पर वार्ता कर गांव की खैरियत लेते थे। परिवार के ज्यादातर प्रमुख सदस्य गुड़गांव पिछले 15 दिनों से हैं।वह वहां इंतजार रत थे कि नेता जी पिछले कई बार तरह इस बार भी ठीक होकर आंएगे। मगर ईश्वर को मंजूर नही था। सैफई गांव के प्रधान रामफल बाल्मिकी का रो रोकर बुरा हाल था , वह बस यही कह रहे थे कि हमारे भगवान हमे छोड़ गए।
सैफई स्थित ग्रामीण आयुर्विज्ञान संस्थान में जब नेता जी के निधन की खबर पहुंची,तो वहां सारा स्टाफ शोक में डूब गया।
सैफई में 12 बजे के बाद से तब भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी,जब यह खबर आ गई कि नेता जी का पार्थिव शरीर5 बजे सैफई पहुंचेगा। सैफई में हजारों लोग और गाड़ियों के पहुंचने से सड़के अवरुद्ध होने लगीं थी। उम्मीद जताई गई है कि कल अंतिम संस्कार में 4-5 लाख की भीड़ जुटेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ सोमवार शाम श्रद्धांजलि देने शाम साढ़े पांच बजे सैफई पहुंचे और श्रद्धांजलि अर्पित की। अखिलेश यादव, प्रो रामगोपाल, शिवपालसिंह यादव, धर्मेंद्र यादव की मौजूदगी में श्रद्धांजलि अर्पित की। जब तक सूरज चांद रहेगा नेता जी का नाम रहेगा।
प्रधानमंत्री,रक्षामंत्री के अलावा कई मुख्यमंत्री के आने का अंतिम संस्कार के दिन का कार्यक्रम बताया गया है।
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