*यहाँ रावण का पुतला जलाया नहीं गिराया जाता*

*रिपोर्ट- मधुसूदन यादव* 

जसवंतनगर,इटावा- यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर के रूप में घोषित जसवंत नगर की ख्याति प्राप्त मैदानी रामलीला अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी अलग पहचान रखती हैl सामान्यतः सभी जगह रामलीला के कार्यक्रम मंचो से होते हैं किंतु भारतवर्ष के उत्तर प्रदेश राज्य के इटावा जिले में स्थित जसवंतनगर की रामलीला की लीलाएं सिर्फ मैदान में होती हैं जो देश के लोगों को ही नहीं अपितु विदेशी दर्शकों को भी अपनी और आकर्षित करती हैंl यहां की मैदानी रामलीला के पात्रों को इस तरह सजाया सवारा जाता है कि जब वो अपनी लीला दिखाते हैं तो ऐसा महसूस होता है कि मानो हम सभी त्रेता युग में हैंl प्रभु श्री राम लक्ष्मण हनुमान के स्वरूप को देखकर दर्शक अपने को धन्य समझते हैंl रामदल और रावण दल के मैदानी युद्ध में आधुनिक लाइटों से सुसज्जित अस्त्र शस्त्र का प्रयोग लीलाओं को रूचिकर व आकर्षक बनाता ही है बल्कि अपनी अलग पहचान दिलाता हैl उत्तर प्रदेश संस्कृत विभाग द्वारा यहां की रामलीला पर कई शोध हुए l नगर के लोग जहां मर्यादा पुरुषोत्तम राम को अपने जीवन का आदर्श मानते हैं वही लोगों के मन में रावण की महत्वा भी कम नहीं है क्योंकि यहां रावण की विदुता पराक्रम और ज्ञान को पूजा जाता है lवैसे तो सभी जगहों पर विजयदशमी रावण वध 5 अक्तूबर को मनाया गया किंतु जसवंत नगर की रामलीला में आज यानी 6 अक्तूबर विशेष मुहूर्त पंचक नक्षत्र में रावण कावध होना हैl

*रावण के पुतले के अवशेषों को पाने की रहती है होड़* जसवंतनगर की रामलीला में रावण का विशालकाय पुतला बांस की लकड़ियों खपच्चे से तैयार किया जाता है lयहां रावण वध के दौरान रावण के पुतले को जलाया नहीं जाता बल्कि गिराया जाता है lप्रभु श्री राम जैसे ही रावण की नाभि पर धनुष से तीर छोड़ते हैं रावण का पुतला गिर जाता है और लोगों में उसके अवशेषों को पाने होड़ लग जाती है lऐसी मान्यता है कि रावण के अवशेष को घर लाने से प्रेत बाधा व्याधि बुरी नजर से बचाव बीमारी दूर होती हैl

*यूं ही नहीं होती रावण की पूजा* नगरवासी रावण को महान विद्वान, प्रकांड पंडित महाज्ञानी, कुशल राजनीतिज्ञ महाप्रतापी, महापराक्रमी योद्धा और अत्यंत बलशाली मानते हैंl जब नगर की सड़कों पर राम दल और रावण दल युद्ध करते हुए रामलीला मैदान की तरफ जाते हैं तब जगह जगह रावण की पूजा लंकेश की जय नारों के साथ होती है lवही रावण युद्ध में विजय की कामना के साथ रास्ते में मिलने वाले मंदिरों में पूजा अर्चना कर आगे बढ़ता हैl श्री रामलीला समिति के प्रबंधक राजीव गुप्ता बबलू और संयोजक अजेंद्र गौड़ ने बताया कि रावण वध लीला के बाद सात आठ नौ अक्टूबर को क्रमशः भरत मिलाप, नगर भ्रमण, राम राज गद्दी कार्यक्रम होगाl 11 से 15 अक्टूबर रासलीला और 16 अक्टूबर को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन के साथ रामलीला का समापन होगाl

Related Articles

Back to top button