मैनूपुर कंपोजिट विद्यालय में भ्रष्टाचार का बोलबाला,प्रधान व ग्रामीणों ने प्रधानाध्यापक पर लगाए गंभीर आरोप
वर्षों से तैनात प्रधानाध्यापक दे रहे भ्रष्टाचार को अंजाम
माधव संदेश/ ब्यूरो चीफ जय सिंह यादव रायबरेली
रायबरेली-जहां एक तरफ केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए लाखों करोड़ों रुपए पानी की तरह खर्च कर रही है। बेसिक शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता व लापरवाही के चलते विद्यालयों के शिक्षक या तो टाइम पास करते हैं या अपने मोबाइल व अन्य निजी कार्यों में बिजी रहते हैं।
जिले के विद्यालयों में तैनात कई शिक्षकों की मनमानी के चलते नौनिहालों का भविष्य अधर में फंसा हुआ है मामला सदर तहसील के अमावां ब्लॉक के कम्पोजिट विद्यालय मैनुपुर का है विद्यालय में वर्षों से अपनी ऊंची पहुंचना पकड़ के चलते तैनात प्रधानाध्यापक की मनमानी से बच्चों का भविष्य अधर में लटका रहता है जिससे बच्चों के परिजन काफी परेशान है।
सूत्रों से पता चला है और इस वर्ष विद्यालय के मेंटिनेंस के लिए और पिछले वर्ष भी बजट आया था लेकिन वह इस विद्यालय में खर्च नहीं हुआ अगर खर्च हुआ है तो दिख क्यों नहीं रहा क्या प्रधानाध्यापक विद्यालय के बचट को खा गये ग्रामीणों ने कहा कि प्रधानाध्यापक ने विद्यालय में कोई कार्य नही कराया। बात की जाए एमडीएम की तो सप्ताह में हर दिन नए व्यंजन बनने का का प्रावधान है।
लेकिन बच्चों को केला और दूध भी सही से नही मिलता। किचन से लेकर सभी कमरों की खिड़कियां टूटे है। विद्यालय में वर्षों से कोई भी मरम्मत कार्य नही कराया गया। सब्जी में पानी ही पानी नजर आता है। पानी पीने के लिए बच्चों को विद्यालय के बाहर जाना पड़ता है। शौचालय भी खराब पड़ा है और गंदा है। प्रधान व ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि प्रधानाध्यापक पड़ोसी गांव कसेहटी के है। इस लिए ये गांव में शिक्षा पर ध्यान न देकर राजनीति करते है। जिनका राजनीति में काफी रुचि है और कई जगह तस्वीरें भी वायरल हुई कई वर्षो से इसी विद्यालय में है और विद्यालय का पेड़ कटवाने के मामले में 6 माह के लिए सस्पेंड भी हो चुके है। समय पर विद्यालय नही आते है ।
प्रधान ने बताया कि प्रधानाध्यापक द्वारा कभी भी विद्यालय के किसी कमी को मुझे नही बताया जाता और बजट भी इन्ही के पास रहता है। प्रधान ने कहा रिबोर जल्द ही हो जायेगा। बाकी की व्यवस्था तो ये सही करे। स0आ0 भी और बच्चे भी शौच के लिए बाहर जाते है। खंड शिक्षा अधिकारी रत्ना मणि मिश्रा ने बताया कि एक सप्ताह का समय दिया गया है जिसमे स्कूल के कमरों के पल्ले व शौचालय को सही कराने के लिए कहा गया है। एमडीएम में खंड शिक्षा अधिकारी रत्ना मणि मिश्रा को दूसरी सब्जी परोसी गयी। इस पर भी मैडम ने प्रधानाध्यापक को चेतावनी दी।