सामाजिक कुरीतियों और बुराईयों का नाश करती है विजयदशमी-डा. धर्मेन्द्र शर्मा

*इटावा।नारायन कॉलेज ऑफ साइंस एण्ड आर्ट्स,इटावा में विद्यालय के छात्रों द्वारा विजय दशमी पर्व के उपलक्ष्य में रामलीला का आयोजन किया गया।कार्यक्रम का शुभारम्भ विद्यालय निदेशिका डा.श्रेता तिवारी एवं प्रधानाचार्य डा. धर्मेन्द्र शर्मा ने माता सरस्वती, भगवान राम के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन कर की।इस अवसर छात्र-छात्राओं ने बड़े उत्साह और ऊर्जा के साथ भगवान राम के चरित्र और मर्यादा का रामलीला के माध्यम से सीता हरण प्रसंग का बहुत सुंदर तरीके से मंचन किया।*

*इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य डा.धर्मेन्द्र शर्मा ने कहा कि यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है विजयदशमी पर्व पर रावण-वध का अर्थ बुराईयों का अन्त है जब व्यक्ति विशेष अपने अन्दर की बुराईयों को समाप्त करेगा तो एक सुन्दर समाज का निर्माण होगा,यही विजयदशमी पर्व मनाने का मूल उद्देश्य है।भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था।इसलिए इस दशमी को विजयदशमी के नाम से जाना जाता है।इस उत्सव का संबंध नवरात्रि से भी है,क्योंकि नवरात्रि के उपरांत ही यह उत्सव होता है और इसमें महिषासुर के विरोध में देवी के साहसपूर्ण कार्यों का भी उल्लेख मिलता है।इस दिन रावण का विशाल पुतला बनाकर उसे जलाया जाता है।शक्ति के प्रतीक का उत्सव-शक्ति की उपासना का पर्व शारदेय नवरात्रि प्रतिपदा से नवमी तक निश्चित नौ तिथि,नौ नक्षत्र,नौ शक्तिओं की नवधा भक्ति के साथ सनातन काल से मनाया जा रहा है।इस पर्व पर लोग नवरात्रि के नौ दिन जगदंबा के अलग-अलग रूपों की उपासना करके शक्तिशाली बने रहने की कामना करते हैं।भारतीय संस्कृति सदा से ही वीरता व शौर्य की समर्थक रही है।दशहरे का उत्सव भी शक्ति के प्रतीक के रूप में मनाया जाने वाला उत्सव है।*

*इस कार्यक्रम को सफल बनाने में डांस टीचर संदीप यादव,म्यूजिक टीचर कृष्णकांत व सी.सी.ए. इंचार्ज स्मृति सक्सेना आदि का विशेष योगदान रहा।*

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