लावारिस पशुओं ने सड़क पर डाला डेरा

सड़क पर चलने वाले वाहनों को भारी समस्या का सामना करना पड़ता है

बकेवर इटावा।  नगर पंचायत बकेवर प्रशासन द्वारा भले ही कस्बे में लावारिस पशुओं के लिए गौशाला का प्रबंध कर लिया गया हो। लेकिन सच्चाई आज भी यह है कि कस्बे के अंदर लावारिस पशुओं ने अपना सड़कों पर डेरा डाल रखा है। वही लावारिस पशुओं के द्वारा खेतों को भी पूरी तरह नष्ट कर दिया जाता है। जिससे किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ता है। वही आलम यह है कि सड़क पर चलने वाले वाहन को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है यह हाल कस्बे मैं ही नहीं बल्कि कस्बे की हर गली का है।नगर पंचायत बकेवर में प्रबंध की गई एक गौशाला है लेकिन बावजूद इसके कस्बा बकेवर शहर नेशनल हाईवे पर लावारिस पशुओं के झुंड घूमते दिखायी दे रहे हैं। स्थानीय प्रशासन लावारिस पशुओं की ओर ध्यान नहीं दे रहा है और ना ही उनके द्वारा कोई ठोस कदम उठाया जा रहा है जबकि लावारिस पशुओं के लिए गौशाला में पर्याप्त जगह पड़ी हुई है और जहां कस्बे गली और नेशनल हाईवे पर घूम रहे लावारिस पशुओं को गौशाला में भेजा जा सकता है। हाल यहां तक है कि लावारिस पशुओं के झगड़ने पर कई बार लोग व वाहन हादसे का शिकार हो चुके हैं। इसके चलते कस्बे व नेशनल हाईवे पर लावारिस पशुओं के कारण सड़क हादसे भी हो चुके हैं। कस्बे के आम आवाम भी लावारिस पशुओं के आतंक से काफी परेशान है।
कस्बे के युवा नेता बंटी शर्मा व प्रवेश शर्मा ने लावारिस पशुओं के मामले में बताया कि जब भी नगर पंचायत बकेवर में किसी बड़े राजनैतिक नेता का आगमन होता है तो नगर पंचायत बकेवर द्वारा कर्मचारी लगाकर पशुओं को इकट्ठा कर उमदा तरीके से गौशाला में बंद कर दिया जाता है। इसके बावजूद भी लावारिस पशु फिर सड़क पर आ जाते हैं और इन पर किसी का ध्यान नहीं जाता। वही नगर के किसानों व आम आवाम ने नगर पंचायत बकेवर व स्थानीय प्रशासन से मांग की है कि इन लावारिस पशुओं को गौशाला में सही ढंग से रखा जाए ताकि गौशाला से पशु बाहर ना निकल सके। जिससे लावारिस पशुओं के कारण किसानों की खेती के नुकसान से बच सकें सड़क दुर्घटना होने से बचा जा सके। जबकि लावारिस पशुओं के कारण सड़क हादसे के दौरान कईयों की मृत्यु हो चुकी है।

*राहुल तिवारी बकेवर*

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