भारत के लोकतंत्र और चुनाव पर ड्रैगन ने लगाया इतना बड़ा आरोप, जिसे सुनकर दुनिया के उड़े होश
भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते संबंधों की बानगी बुधवार को दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की दिल्ली में मुलाकात के दौरान देखने को मिली। अफगानिस्तान, इंडो पैसेफिक क्षेत्र की रणनीति, कोरोना संकट और क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर इस दौरान बात हुई।
भारत दौर पर आए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भारत-अमेरिका जैसे लोकतंत्रिक देशों के लिए बढ़ते वैश्विक खतरे के बारे में बात की और कहा कि दोनों को लोकतांत्रिक आदर्शों का समर्थन करने के लिए साथ खड़ा होना चाहिए।
असल में, बुधवार को चीनी विदेश मंत्रालय की नियमित प्रेस ब्रीफिंग के दौरान ब्लूमबर्ग ने एंटनी ब्लिंकन के बयान को लेकर सवाल किया कि क्या अमेरिकी विदेश मंत्री ने चीन पर उंगली उठाई? इस पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने लोकतंत्र पर भावुक प्रवचन देना शुरू कर दिया। चीन में 1949 से बिना विपक्ष एक पार्टी की सत्ता बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत के रिश्ते 21वीं सदी और उसके बाद की दुनिया में बदलाव लाएंगे। इसीलिए भारत से रिश्ते अमेरिका की विदेश नीति की सर्वोच्च प्राथमिकता में हैं।
उन्होंने कहा, ‘हमारे (भारत और अमेरिका के) बीच इस बात पर दृढ़ सहमति है कि अफगानिस्तान की कोई भी भावी सरकार समावेशी और अफगान लोगों का पूर्ण प्रतिनिधित्व करने वाली हो। अंततः यह अफगान नीति और अफगान स्वामित्व वाली शांति प्रक्रिया होनी चाहिए।’