8 साल पुरानी इस किताब ने खोला अफगानिस्तान का ये बड़ा राज़, तालिबान-आईएसआई के रिश्तों पर भी हुआ खुलासा

अमेरिकी सेना की आखिरी टुकड़ी अफगानिस्तान छोड़कर लौट गई। इसी के साथ अब पूरे देश में 20 साल बाद फिर तालिबान का कब्जा हो गया है।

पिछले कुछ दिनों में अमेरिका की ओर से अफगानिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ चलाए गए मिशनों और उनकी सफलता-असफलता को लेकर कई विश्लेषण आए।  उसका जिक्र एक 2013 की किताब ‘द किल लिस्ट’ में हूबहू मिलता है।

किताब में तालिबान-हक्कानी नेटवर्क के संबंधों का जिक्र द किल लिस्ट उपन्यास वैसे तो काल्पनिक घटनाक्रम पर आधारित है, लेकिन तालिबान, पाकिस्तान, आईएसआई के संबंधों को लेकर लेखक ने इसमें अपनी अफगान मामलों से जुड़ी जानकारी का इस्तेमाल किया है।

इस किताब के एक छठे चैप्टर में फ्रेड्रिक ने तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के रिश्तों का जिक्र किया और कहा कि जब सोवियत सेनाओं के जाने के बाद तालिबान ने अफगानिस्तान पर शासन कायम किया (1992-1996), तब जलालुद्दीन हक्कानी तालिबान का कमांडर बन गया।

 

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